बिहार के 24 हजार निजी स्कूलों के बंद होने का खतरा, शिक्षा विभाग का 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम
बिहार में 24 हजार प्राइवेट स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव डॉ सिद्धार्थ ने इन प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसा है। इस बीच ACS सिद्धार्थ के निर्देश पर प्राइमरी डायरेक्टर मिथलेश मिश्रा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें अब इन स्कूलों को या तो फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होगा या बंद करना होगा।
शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक, सभी प्राइवेट स्कूलों को RTE (Right to Education) में आना पड़ेगा। RTE में आने वाले स्कूलों का रजिस्ट्रेशन कराना कंपलसरी होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर एक लाख का जुर्माना देना होगा।
मिथलेश मिश्रा ने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूल को 15 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन देना होगा। स्कूल के आधारभूत संरचना के सवाल पर कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर हम देखेंगे। स्कूल एक रूम का हो या सौ कमरे का स्कूल, ये बाद में देखा जाएगा।
स्कूलों को होगा फायदा
मिथलेश मिश्रा ने कहा कि रजिस्ट्रेशन से फायदे में स्कूल रहेंगे। सरकार अनुदान देगी। बच्चों का एडमिशन दिलाएगी। राइट टू एजुकेशन एक्ट लागू होने के बाद पहले ऑफ लाइन आवेदन लिया जाता था, लेकिन इस बार ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को एडमिशन की जानकारी ऑनलाइन देने से अनियमितता दूर होगी। उन्होंने बताया कि 2019 के बाद ऑनलाइन पेमेंट किया गया। अनियमितता खत्म की गई। एक किश्त दी गई। 2019 से अब तक पेमेंट किया गया है। कुछ राशि शेष है। वह ट्रेज़री में पड़ी हुई है। ज्ञानदीप पोर्टल पर एडमिशन हो रहा।
ऑनलाइन एडमिशन की भी जानकारी दी
स्कूल में बच्चों को ऑनलाइन एडमिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एक और विंडो शुरू होगा। किसी स्कूल का पेमेंट बचा है तो वह आवेदन दे। 27 हजार स्टूडेंट्स का एडमिशन के लिए आवेदन आया है। पिछली बार 22 हजार स्टूडेंट्स का नामांकन आया था। क्लास 1 से 8 तक के बच्चों में 4600 स्टूडेंट्स का नामांकन हो चुका है। 1 बच्चे पर 11 हजार हर वर्ष देते हैं।
प्राइवेट स्कूल में आधार सीडिंग की जानकारी देते हुए मिथलेश मिश्रा ने बताया कि सरकारी स्कूल में 1.84 करोड़ बच्चे हैं। इसमें 1 करोड़ 24 आधार सीडिंग हुए। इसमें से 67 फीसदी का आधार ले लिया गया है।
वहीं प्राइवेट स्कूल में बच्चों का आधार सीडिंग काफी कम है। प्राइवेट स्कूल को 13 हजार स्कूल में 33 लाख बच्चे हैं। इसमें से 17 हजार आधार सीडिंग कराए हैं। यह आधे फीसदी से कम हैं।