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बिहार: बिन मां-बाप की बच्ची को मिले अमेरिकी माता-पिता, छपरा में डीडीसी ने किया सुपुर्द

छपरा की एक नन्ही परी विदेश जा रही है. बच्ची की परवरिश अब अमेरिका में होगी. उसे अमेरिकी माता-पिता मिले हैं. माता पिता इस बच्ची को पाकर बहुत खुश हैं. वो इसे सीने से लगाए हुए नये खिलखिलता-मुस्कुराते जीवन की कल्पना कर रहे हैं.

ये नन्ही बच्ची 3 साल की है और अनाथ है. बच्ची छपरा के अनाथालय में पल रही थी. अब इसे अमेरिका के इस दंपति ने गोद लिया है. पिता पायलट है. जीवन की आपाधापी के बीच बच्चे की आकांक्षा पाला दंपति विदेश से छपरा पहुंचा, जहां इस जोड़े को जीवन का सबसे बड़ा तोहफा दिया गया. सारण जिला प्रशासन ने बच्ची के दत्तक ग्रहण की कार्रवाई पूरी की.

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बच्चा गोद लेने की ये है प्रक्रिया

अडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी होते ही डीसीसी प्रियंका रानी ने अपने कार्यालय कक्ष में बच्ची को इस दंपति को सौंप दिया. बच्ची को पाते ही दंपति के चेहरे खिल उठे और उन्होंने भावविह्वल होकर जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया. इस अमेरिकी जोड़े ने 2015 में बच्चा गोद लेने के लिए CARA पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था. इनका नंबर आने और सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद फाइनल अडॉप्शन की प्रक्रिया पूर्ण की गई. समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई सारण में विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान चलाती है. इसके माध्यम से बच्चों को गोद दिया जाता है. संस्थान में अनाथ बच्चों को पूरी सुरक्षा और सुविधाओं के बीच रख कर उनका भरपूर पालन पोषण किया जाता है.

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बच्चा गोद लेने की शर्त

इस अवसर पर प्रभारी सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई पूजा कुमारी ने बताया कोई भी ऐसा दंपति जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो, वो बच्चा गोद ले सकता है. यह भी बताया कि यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो और गोद लेने के लिए दोनों की आपसी सहमति जरूरी है. इन सब शर्तों को पूरा करने के बाद ही उन्हें बच्चा मिल सकता है. अलग-अलग उम्र वाले दंपति को अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है.

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यहां करें एप्लाय

बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की वेबसाइट carings.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करना होता है. उसकी जांच के बाद बच्चा गोद लेने के पात्र माता-पिता को बच्चा गोद दिया जाता है. एकल पुरुष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है. जबकि एकल महिला अभिभावक को लड़का एवं लड़की दोनों को गोद दिया जा सकता है. दो संतान वाले दंपति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है. वह सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालक को ही गोद ले सकते हैं. देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है.

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