भगवान सिंह कुशवाहा ने MLC पद के लिए किया नामांकन, सीएम नीतीश समेत NDA के नेता रहे मौजूद
बिहार विधान परिषद की खाली हुई एक सीट पर उपचुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार के तौर पर भगवान सिंह कुशवाहा ने नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के अलावा गठबंधन के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. इस सीट के लिए महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवार उतारने की संभावना न के बराबर है. ऐसे में भगवान सिंह कुशवाहा का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है.
रामबली सिंह के त्यागपत्र से खाली हुई है सीट
भगवान सिंह कुशवाहा ने खाली हुई इस एक सीट के लिए विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के अलावा एनडीए के कई नेता मौजूद रहे. राजद विधान पार्षद रामबली सिंह के अयोग्य घोषित होने के बाद विधान परिषद की खाली हुई सीट पर 12 जुलाई को चुनाव होना है. राजद के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विधान परिषद के तत्कालीन सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने फैसला लिया था और बीते 6 फरवरी को उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. तब से यह सीट खाली थी.
12 जुलाई को मतदान
चुनाव आयोग ने बिहार के साथ कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के विधान परिषद की कुल 5 सीटों पर चुनाव की घोषणा की है. अधिसूचना 25 जून को जारी हो चुकी है. 2 जुलाई यानी आज नामांकन पत्र दाखिल करने का दिन है. 3 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 5 जुलाई तक नामांकन पत्र वापसी की जा सकेगी. 12 जुलाई को सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे तक मतदान होगा. उसी दिन सभी वोटों की गिनती की जाएगी और फिर चुनाव परिणाम की घोषणा की जाएगी.
जदयू उम्मीदवार की जीत तय
महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार उतारने की संभावना नहीं के बराबर है. ऐसे में भगवान सिंह कुशवाहा का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है, क्योंकि संख्याबल एनडीए के पक्ष में है. यदि चुनाव होता है तो बिहार विधानसभा में 243 सदस्यों में से अभी 5 सीट रिक्त है. शेष सीटों में से एनडीए के पास पूर्ण बहुमत है. ऐसे में जेडीयू के उम्मीदवार भगवान सिंह कुशवाहा आसानी से चुनाव जीत जाएंगे.
एक सीट पर उपचुनाव होना बाकी
बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं. फिलहाल 2 सीट खाली है. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा का चुनाव सीतामढ़ी से जीते हैं तो उन्होंने भी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. ऐसे में एक सीट पर चुनाव होने के बाद भी विधान परिषद में एक सीट खाली रहेगी.