हर थाने पर क्यूआर कोड, पुलिस सहयोग नहीं कर रही तो तुरंत स्कैन करे; बिहार पुलिस की बेहतर पुलिसिंग की रणनीति जानें
बेहतर पुलिसिंग के लिए पटना पुलिस ने पहल शुरू कर दी है। राजधानी से लेकर जिले के थानों में क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इसके जरिये शिकायतकर्ता थाने में होने वाली परेशानी और वहां की व्यवस्था से संबंधित फीडबैक दे सकेंगे। शुक्रवार को इसकी शुरुआत कोतवाली थाने से की गई। सिटी एसपी चंद्र प्रकाश ने बताया कि एसएसपी व मुख्यालय के आदेश पर क्यूआर कोड विकसित किया गया है। थाने में आने वाले पीड़ित इसके माध्यम से वहां होने वाली परेशानी, कितने समय में रिस्पांस मिला और यहां की व्यवस्था कैसी है, इसका फीडबैक दे सकेंगे।
एएसपी सदर स्वीटी सेहरावत ने बताया कि जिले के थानों को दो कैटेगरी शहरी व ग्रामीण में बांटा गया है। शहरी थानों को क्यूआर कोड से मिले फीडबैक के आधार पर अंक दिए जाएंगे। टॉप 5 में आने वाले थानों के वरीय अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। जिन थानों का फीडबैक खराब मिलेगा, उसे सुधारने की कोशिश की जाएगी। बहुत ही साधारण तरीके से इस फार्म को तैयार किया गया है। ताकि किसी को परेशानी नहीं हो। थाने पर क्यूआर कोड के अलावा ऑफलाइन मोड में भी फीडबैक देने की व्यवस्था होगी। ताकि जो लोग स्मार्ट फोन नहीं चलाते हैं वह ऑफलाइन अपना फीडबैक दे सकते हैं। ग्रामीण इलाके के थानों में भी क्यूआर कोड लगाया जाएगा। लोग अपने मोबाइल से ही उसको स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकेंगे।
फीडबैक की जानकारी थाने के अफसरों को नहीं होगी
एसपी चंद्रप्रकाश ने बताया कि 1 अगस्त से तत्काल में कंट्रोलिंग पावर एसपी पश्चिमी अभिनव धीमान और एएसपी सदर स्वीटी सेहरावत के पास रहेगा। अच्छे से स्टेबल होने के बाद इसका कंट्रोलिंग पावर पटना एसएसपी के साथ एसपी ग्रामीण, एसपी मध्य, एसपी पूर्वी और एसपी पश्चिमी के पास होगा। फीडबैक की जानकारी थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों के पास नहीं होगी। केवल वो लोग फॉर्म भर सकते हैं और फरियादियों की सहायता कर सकते हैं।
यहां मिलेगा क्यूआर कोड
● गश्ती गाड़ियों के पीछे क्यूआर कोड लगेगा जिसे स्कैन कर लोग दे सकते हैं प्रतिक्रिया
● थाने में मौजूद ओडी ऑफिसर और सरिस्ता व अन्य जगहों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे
ये होंगे फायदे
● इस क्यूआर कोड के लगने के बाद थाने के कार्यकलापों में पारदर्शिता आयेगी
● लोगों का सीधा फीडबैक मिलेगा जिससे जमीनी हकीकत की मिलेगी जानकारी