बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी केके पाठक का वेतन रुक गया है। जून महीने का वेतन भुगतान नहीं हो सका है। खबर यह है कि वह राजस्व पर्षद के अध्यक्ष पर अपना योगदान 15 जुलाई के बाद देंगे। मेडिकल लीव को एक्सटेंड किया है।
बिहार सरकार ने उन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ना भेज कर नई पोस्टिंग दी। राजस्व पर्षद ऐसा डिपार्टमेंट है, जहां जन सरोकार से जुड़ा काम नहीं है। सरकारी भाषा में इसे साइड लाइन माना जाता।
आईएएस केके पाठक के वेतन रुकने में क्या पेंच
आईएएस केके पाठक छुट्टी पर हैं। जून महीने का वेतन नहीं मिला है। वित्तीय मामले के जानकर बताते हैं कि वह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद से छुट्टी पर चले गए थे। सरकार ने इसी बीच उनकी पोस्टिंग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कर दी। लेकिन, इस बीच केके पाठक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अपना योगदान नहीं दिया। सरकार ने इसके बाद फिर उन्हें नई जगह पोस्ट कर दी। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अध्यक्ष बनाए गए। उनका वेतन का भुगतान जून महीने का किस विभाग से होगा। इस पर असमंजस बन गया। केके पाठक का वेतन का भुगतान अब नई पोस्टिंग वाले जगह से होगा। जानकार बताते हैं कि जब वह अपना योगदान देंगे तो उस महीने से वेतन शुरू होगा।
15 जुलाई के बाद योगदान देंगे
सामान्य प्रशासन के सूत्र बताते हैं कि वह छुट्टी पर हैं। उन्होंने अपने छुट्टी एक्सटेंड की है। मेडिकल लीव पर हैं। 15 जुलाई के बाद ही अपना योगदान बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में देंगे। 2 जून से उनकी छुट्टी मंजूर है। पहले तो उन्होंने रियल का आवेदन दिया था। लेकिन बाद में मेडिकल लीव पर चले गए।
फ्री हैंड नहीं तो सेंटिंग पोस्टिंग
आईएएस केके पाठक विभाग को फ्री हैंड चलाना चाहते हैं। जिस विभाग में वह रहते हैं, उसे अपने तरीके से चलाते हैं। राजनीतिक दखलंदाजी पसंद नहीं करते हैं। लिहाजा, उन्हें मन माफिक पोस्टिंग चाहिए।
सरकारी सूत्र बताते हैं कि आईएएस केके पाठक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार से विभाग को फ्री हैंड चलाने की मांग की। जिसे सरकार ने नहीं माना। केके पाठक को सीएम सचिवालय के सीनियर ऑफिसर ने भी सलाह दी। लेकिन वह फ्री हैंड पर अड़े रहें।
केके पाठक की नाराजगी की वजह जाने
सरकार और आईएएस केके पाठक के बीच नाराजगी की असल जड़ स्कूलों में छुट्टी थी। हीटवेब के दौरान बिहार सरकार स्कूल को बंद करवाना चाहती थी। लेकिन पाठक शिक्षा विभाग के बतौर एसीएस स्कूल चालू रखना चाहते थे। शिक्षकों को हर हाल में स्कूल उपस्थित करवाना चाहते थे।
स्कूली बच्चों को तबीयत बिगड़ने के बाद सरकार ने भीषण गर्मी में स्कूल बंद करवा दिए। मुख्य सचिव ने सीधा सभी डीएम को आदेश जारी कर स्कूल को 1 जून से 18 जून तक बंद करवाया। इसके बाद पाठक नाराज होकर 2 जून से 30 जून तक के लिए छुट्टी पर चले गए।
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