भारत को आजाद हुए 77 वर्ष हो चुके हैं। 15 अगस्त 2024 को भारत में 78वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरे देश में ध्वजारोहण किया जाएगा. लेकिन बिहार के पूर्णिया में झंडा चौक पर 14 अगस्त की रात 12 बजकर 1 मिनट पर ध्वजारोहण किया जाता है. इसके पीछे आजादी से जुड़ी बहुत रोचक कहानी है.
आजादी से जुड़ी एक कहानी
पिछले 77 वर्षों से बिहार के पूर्णिया में झंडा चौक पर 14 अगस्त की रात 12 बजकर 1 मिनट पर झंडारोहण किया जाता है. इसके पीछे आजादी से जुड़ी एक कहानी है जो सभी को प्रेरित करती है. यह कहानी 14 अगस्त 1947 की रात की है. उस समय हर भारतीय आजादी की खबर सुनने को व्याकुल था. देश की आजादी की घोषणा होने वाली थी। झंडा चौक चौक स्थित मिश्रा रेडियो की दुकान पर दिनभर भीड़ लगी रही आजादी की खबर सुनने को. लेकिन, काफी समय हो गया रेडीयो पर कोई भी खबर नहीं मिली जिससे कुछ लोग हातास हो कर अपने-अपने घर वापिस चले गए.
सभी लोग आजादी की खबर सुनने को व्याकुल
सभी के घर जाने के बाद भी मिश्रा रेडीओ की दुकान खुली रही. रात के करीब 11:00 बजे पूर्णिया के झंडा चौक पर मिश्रा रेडियो की दुकान पर रामेश्वर प्रसाद सिंह, रामजतन साह, कमल देव नारायण सिन्हा, गणेश चंद्र दास और उनके सहयोगी दुकान पर पहुंचे. सभी के कहने पर रेडियो खोला गया. रेडियो खुलते ही लॉर्ड माउंटबेटन की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनते ही लोग खुशी से उछल पड़े. माउंटबेटन ने घोषणा की थी कि देश आजाद हो गया.
पूर्णिया के चौक का नया नाम रखा गया
देश की आजादी की खबर सुनते ही सभी लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी. यह खबर सुनते ही लोगों ने पूर्णिया के उसी चौक पर झंडा फहराने का विचार किया गया. स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह ने 14 अगस्त 1947 की रात के 12 बजकर 1 मिनट पर तिरंगा फहराया. उसी रात पूर्णिया के उस चौक का नाम झंडा चौक रखा गया.
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