जेल से बाहर आएंगे बाहुबली अनंत सिंह:पटना HC ने एके-47 और बुलेट प्रूफ जैकेट मामले किया बरी, अब एक भी केस पेंडिंग नहीं
स्वतंत्रता दिवस से पहले मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को बड़ी राहत मिली है। पटना हाईकोर्ट ने एक-47 और आवास से बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने के केस में उन्हें बरी कर दिया है। पूर्व विधायक के खिलाफ अब एक भी केस पेंडिंग नहीं है। वे आज या गुरुवार को बाहर निकल सकते हैं। राजद के पूर्व विधायक अनंत सिंह 2016 से जेल में बंद थे।
पूर्व विधायक अनंत सिंह को 5 मई को लोकसभा चुनाव के दौरान 15 दिनों की पौरोल मिली थी। 5 साल में पहली बार उन्हें पैरोल मिली दी गई थी। पैरोल उन्हें पुश्तैनी घर, जमीन व जायदाद के बंटवारे के लिए दी गई थी। 19 मई को पैरोल खत्म होने पर जेल जाने से पहले अनंत सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर लिखा था कि, सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है। आप समस्त जनता मालिक, समर्थकों से वादा है बहुत जल्द लौटेंगे।
2005 के बाद से लगातार बन रहे विधायक
लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के कारण वे नीतीश कुमार के लिए चिंता के सबब बने रहे। यही वजह थी कि लालू के दोबारा करीब जाने के बाद 2015 में अनंत सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया। उस वक्त अनंत सिंह जेल में बंद थे। जेल से ही उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 18000 वोट से जीते भी। वहीं, 2020 के चुनाव में वे राजद की टिकट पर चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने हुए हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह पैरोल पर बाहर आए थे. इस दौरान उन्होंने अपने इलाके में जदयू उम्मीदवार ललन सिंह के लिए खूब चुनावी मदद की। अनंत सिंह ने तब कहा था कि वह जल्द ही हमेशा के लिए बाहर आ जाएंगे। अनंत सिंह कहते रहे हैं कि उन्हें आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह ने जानबूझकर फंसा दिया था।हालांकि तब अनंत सिंह विपक्ष के साथ थे। अब राजनीतिक परिस्थितियां बदल चुकी हैं। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी जो राजद की विधायक थी, अब पाला बदलकर जदयू में आ गई हैं।
अनंत सिंह ने खुद पैरोल के दौरान जदयू उम्मीदवार ललन सिंह की उस वक्त चुनावी मदद की जब ललन सिंह से अनंत सिंह के स्वजातीय वोटर नाराज थे। उनकी चुनावी गाड़ी मोकामा और आसपास के इलाके में फंसी हुई थी, जिसे अनंत सिंह ने धक्का देकर निकाला था।