भूमिहारों पर बयान के बाद अशोक चौधरी पर उन्हीं की पार्टी के मुख्य प्रवक्ता बरसे, कहा- जो खुद भिखारी है वो टिकट किसी क्या देगा
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा भूमिहारों पर दिए विवादित बयान को लेकर जदयू में घमासान मचा हुआ है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को अशोक चौधरी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि किसी लोकसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार की हार के जाति विशेष को टारगेट करना कभी भी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सिद्धांत नहीं रहा है. अशोक चौधरी ऐसा कोई बयान देने के लिए पार्टी की ओर से अधिकृत नहीं हैं. अशोक चौधरी को यह बताना चाहिए कि जिस कटिहार संसदीय क्षेत्र के वे प्रभारी थे, वहां जदयू के दुलालचंद गोस्वामी की हार कैसे हो गई. दुलालचंद गोस्वामी तो अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं. नीरज ने कहा अशोक चौधरी को अपना परफोर्मेंश बताना चाहिए न कि समाज को जाति के नाम पर बांटना चाहिए.
नीतीश ने दिया भूमिहार को सर्वाधिक सम्मान :
नीरज ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सिद्धांत कभी भी जाति और धर्म की राजनीति नहीं रही है. अपने 18 साल के शासनकाल में सीएम नीतीश ने हमेशा ही भूमिहारों को सम्मान दिया. सीएम नीतीश ने भी भूमिहार जाति से आने वाले स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर सम्मान देने की शुरुआत की. शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय काम करने वाले सर गणेश दत्त के नाम पर छात्रवृत्ति शुरू की. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह की जन्मस्थली खंनवा को संवारने का काम किया. ऐसे कई काम सीएम नीतीश ने किए जो जाति के नाम पर नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर किया और भूमिहार समाज को गौरवान्वित किया. उन्होंने कहा कि ऐसे में भूमिहारों को लेकर अशोक चौधरी का बयान कहीं से जदयू का आधिकारिक बयान नहीं है.
भूमिहार का टिकट काटने का अधिकार नहीं :
उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी का यह कहना कि भूमिहार को टिकट नहीं देंगे यह अधिकार उन्हें किसने दिया. टिकट देने का अधिकार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का होता है. सीएम नीतीश ही एक मात्र नेता हैं जो किसी को आयोग, मंत्रिमंडल, राज्यसभा और विधान परिषद में भेजने का अधिकार रखते हैं. अशोक चौधरी पर तंज कसते हुए नीरज ने कहा कि ऐसे में किसी को भी टिकट नहीं देने का भ्रम को नहीं रखना चाहिए. जो लोग भी भ्रम रखते हैं वह पवेलियन पकड़ लेंगे.
नीतीश नहीं करते जाति की रजनीति :
अशोक चौधरी के भूमिहार पर निशाना साधने को जदयू के सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए नीरज ने कहा कि सीएम नीतीश कभी भी जाति की राजनीति नहीं करते. बिहार के मधेपुरा, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल के इलाके में जदयू अगर मजबूत है. वहां जदयू को वोट मिलता है तो यह जाति के नाम पर नहीं मिलता है. सीएम नीतीश के काम पर मिलता है जो कभी भी जाति और धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करते हैं. नीरज ने कहा कि सीएम नीतीश को अशोक चौधरी या किसी के सुझाव और मन्तव्य की जरूरत नहीं है. सीएम नीतीश ने 12 वर्ष सड़क पर संघर्ष किया इसके बाद सीएम बने. 18 वर्ष में उन्होंने समाज की सेवा की है. ऐसे में जहानाबाद, नालंदा, बाढ़, गया आदि क्षेत्रों को लेकर सीएम नीतीश को किसी को यह बताने की जरूरत नहीं है किसने वोट दिया और किसने नहीं दिया.