और हाईटेक हुई बिहार पुलिस; अब घातक बम की तलाश कर डिफ्यूज करेगा रोबोट, गृह विभाग से मंजूरी
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बिहार पुलिस हाईटेक हो रही है। पुलिस की कार्यप्रणाली के अधिक से अधिक वैज्ञानिक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब बम मिलने की सूचना पर बिहार पुलिस का रोबोट उसे तलाश कर निष्क्रिय करेगा। दरअसल, बिहार पुलिस चार करोड़ पांच लाख रुपए से बम डिटेक्शन एंड लिफ्टिंग रोबोट खरीदने जा रही है। इसे बिहार पुलिस के आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) में शामिल किया जाएगा। गृह विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी है। उपसचिव प्रकाश रंजन ने इस संबंध में महालेखाकार को पत्र लिखा है।
अब तक बम की सूचना पर डॉग स्क्वायड और मेटल डिटेक्टर से तलाश की जाती है। बम मिलने पर निष्क्रिय करने के लिए उसे सुरक्षित स्थान तक ले जाना बेहद कठिन होता था। कई बार खतरा भी हो जाता है। अब रोबोट नि सिर्फ बम की तलाश करेगा बल्कि उसे उठाकर सुरक्षित स्थान तक ले जाएगा। इसमें जानमाल का खतरा नहीं रहेगा। इसके अलावा, एटीएस को दो बम सूट भी दिए जाएंगे। एक बम सूट की कीमत 75 लाख रुपये है। एटीएस को सोशल मीडिया पर मॉनिटरिंग के लिए तीन करोड़ का अत्याधुनिक डिवाइस भी उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके साथ एटीएस को स्पॉटिंग स्कोप, लेजर रेंज फाइंडर समेत 14 तरह के आधुनिक गैजेट से लैस करने में 13.82 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, 10 मल्टी पर्पस चाकू और 10 कमांडो डायगर भी खरीदे जाएंगे। एक मल्टी पर्पस चाकू की कीमत 50 हजार और कमांडो डायगर की 25 हजार है। इस तरह 20 चाकू व डायगर खरीद पर साढ़े सात लाख रुपये खर्च होंगे। पुलिस आधुनिकीकरण आईजी को इन उपकरणों की खरीद की जिम्मेवारी दी गई है।
मिठनपुरा में एटीएस के एक्सपर्ट को बुलाना पड़ा था
बीते साल मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाना के तीनकोठिया मोहल्ला में दो टाइम बम मिले थे। इसको निष्क्रिय करने के लिए पटना से एटीएस के बम दस्ते को बुलाना पड़ा था। दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस बम को उठाकर पुलिस लाइन ले गई, जहां बम दस्ते ने उसे निष्क्रिय किया। बम उठाकर ले जाने के दौरान तीनकोठिया से पुलिस लाइन तक सड़क खाली करानी पड़ी थी। रोबोट आने के बाद यह मुश्किलें देर हो सकेंगी।
जिलों के एसटीएफ दस्ते को भी मिलेंगे आधुनिक उपकरण
जिलों में तैनात बिहार एसटीएफ के दस्ते को भी आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। इसके लिए भी बड़े पैमाने पर आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। पहले चरण में 6.4 करोड़ की लागत से 15 तरह के उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इसमें नाइट विजन डिवाइस भी शामिल है। इससे एसटीएफ को रात में भी अभियान चलाने में परेशानी नहीं होगी। एक नाइट विजन डिवाइस की कीमत आठ लाख रुपये है। दस की खरीदारी पर 80 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, एसटीएफ को ड्रैगन लाइट, वॉकी-टॉकी, जीपीएस ट्रैकर, डे बाइनाकुलर आदि दिए जाएंगे। एसटीएफ के लिए 60 लाख रुपये का वॉल रैडर सिस्टम दिया जाएगा, ताकि किसी तरह की दीवार पर जवान आसानी से चढ़ सकें।