हैलो मैं CBI, इतना सुनते ही डर गए बिहार के बड़े डॉक्टर और गंवा बैठे 4.40 करोड़, मामले की जांच कर रही पुलिस
हेलो मैं सीबीआई से बोल रहा हूं…डॉक्टर ए एन राय से बात हो रही है, जी बोल रहा हूं… आपके खाते में मनी लॉन्ड्रिंग और पैसे हैं आपको तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा…नहीं तो आप हमारे दिए गए बैंक खाते में सारे पैसे ट्रांजैक्शन कीजिए उसको मैं चेक करूंगा…यह पूरा मामला बीते 31 जुलाई से 5 अगस्त तक का है, जब 5 से 6 अलग-अलग खातों से ट्रांसफर किए गए. बताया जाता है कि डॉक्टर अभय नारायण को 31 जुलाई की शाम को सीबीआई के नाम पर कॉल आया था. कॉल करने वाले ने बताया कि सीबीआई है और उनके खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के अवैध पैसे हैं. अगर जल्द ही उनके दिये बैंक खातों में पैसा जमा नहीं करेंगे तो उनको (डॉ अभय नारायण) तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इस भय और गिरफ्तारी के डर से डॉक्टर अभय नारायण ने अलग-अलग खातों से अलग-अलग दिनों में साइबर गिरोह के खाते में 4 करोड़ 40 लाख रुपए भेज दिए.
हालांकि, जब पीड़ित डॉक्टर कॉल करने लगे तो साइबर गिरोह का नंबर बंद आने लगा. तब उन्हें महसूस हुआ कि वे साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं. इसके बाद उन्होंने तत्काल 6 अगस्त को साइबर थाना में एक मामला दर्ज कराया जिसपर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है. गया एसएसपी ने कहा कि तत्काल उनके बैंक खाते से ₹60 लाख रुपए होल्ड कर दिए गए हैं. वहीं, इस मामले में एसएसपी ने एक रिलीज जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि साइबर अपराधी के द्वारा CBI के नाम पर डरा धमका कर साइबर ठगी कर ली गयी. बता दें कि डॉक्टर अभय नारायण गया में हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं और वह गया में अपना एम्स हॉस्पिटल भी चला रहे हैं. वहीं वे आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
इस संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक गया द्वारा DSP Cyber को त्वरित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया. इसके बाद साइबर थाना में केस दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया. गया साइबर थाने ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आवेदक के खाता से निकासी होने के उपरांत जमा (प्राप्त कर्ता) के खाता जो करीब 123 के संख्या में है, सभी का KYC संबंधित बैंक से प्राप्त किया जा रहा है. KYC प्राप्त होने पर उक्त खाता धारक का सत्यापन किया जा रहा है.
गया साइबर थाना के द्वारा NCRP पोर्टल के माध्यम से अब तक इस कांड में करीब 61 लाख रुपया होल्ड कराया गया है तथा विधिक प्रक्रिया पूर्ण कर उसे वादी को वापस दिलाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. वरीय पुलिस अधीक्षक गया ने इस मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी तथा त्वरित अनुसंधान हेतु SP City गया के नेतृत्व में SIT बनायी गयी है जिसमें DSP Cyber तथा अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी हैं. इस मामले में अग्रतर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. पुलिस ने अपील की है कि साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें तथा संदेहास्पद लोगों को कोई जानकारी नहीं दें. कोई संदिग्ध मामला समझें तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.