बिहार में 10 नहीं 12 लाख सरकारी नौकरियां देंगे, स्वतंत्रता दिवस पर CM नीतीश ने कानून व्यवस्था पर भी रखी अपनी बात
पूरा देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तिरंगा झंडा फहराया। गांधी मैदान में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत कई अन्य लोग मौजूद थे। गांधी मैदान में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में रोजगार, कानून व्यवस्था और सड़क निर्माण से लेकर कई अहम विषयों पर अपनी बात रखी।
सीएम ने कहा कि साल 2005 से हम लोगों को काम करने का मौका मिला तब से काम कर रहे हैं। जबसे हमने बिहार में काम शुरू किया तब उस वक्त पुलिस की संख्या कम थी। लेकिन हमारे कार्यकाल में जो काम हुआ उसे आज 1 लाख 20 हजार से अधिक पुलिस की संख्या हो गई। राज्य में पुलिस की बहाली की प्रक्रिया चल रही है। अगले साल तक पुलिस पदाधिकारी और पुलिस कर्मियों की बहाली हो जाएगी। CM नीतीश कुमार ने कहा कि साल 2005 से जब से हमे शासन का मौका मिला राज्य में कानून का राज है। सरकार के द्वारा अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था सुधारने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि हमने साल 2023 से पहले भी सुझाव दिया कि हमारी जरुरतों के हिसाब से पुलिस की संख्या को और बढ़याा जाए। अब पदों की संख्या बढ़ा कर 2 लाख 27 हजार किया गया है। इसी अगस्त में पुलिस पदों पर बहाली के लिए परीक्षा हो रही है। पुलिस के लिए वाहन और अन्य संसाधन उपबल्ध कराए गए हैं ताकि विधि व्यवस्था बनी रहे। सीएम 117000 नए पुलिस की बहाली का भी ऐलान किया और कहा कि इसके साथ ही बिहार में पुलिस बल की संख्या 227000 हो जाएगी।
बिहार में 12 लाख नौकरी – CM नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 साल के अंदर 10 लाख नए लोगों को रोजगार देने का ऐलान किया। इसके साथ ही रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या 34 लाख हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 10 लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन इस साल के अंत तक हम 12 लाख सरकारी नौकरी दे देंगे। अब तक 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है, दो लाख पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोले CM
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काम हो रहा है। 2005 से पहले राज्य में स्वास्थ्य केंद्र की कमी थी और स्थिति बहुत ही खराब थी। लेकिन जब हमें साल 2005 के बाद काम करने का मौका मिला तो हमने स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में काम किया। साल 2005 के बाद अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य की गई। राज्य में मरीजों की संख्या कम हुआ करती थी क्योंकि उस समय सरकारी अस्पतालों में दवा का अभाव था। लेकिन जब हम लोगों ने सत्ता संभाली तब अस्पतालों में दवा उपलब्ध करवाई। मेडिकल कॉलेज की संख्या आज कई गुना बढ़ी है। कई मेडिकल कॉलेज का निर्माण हुआ, कई मेडिकल अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई गई। कि पटना में संचालित एम्स का लाभ पूरे बिहार को मिल रहा है। दरभंगा में भी एम्स का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है।
शिक्षा व्यवस्था पर क्या बोले CM नीतीश
सीएम ने गांधी मैदान से कहा कि राज्य में पहले शिक्षकों की काफी कमी थी। जिसके कारण स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती थी। गरीबी की वजह से 12वीं के बाद लड़कियां नही पढ़ पाती थी। इसके लिए साइकिल योजना से लेकर विभिन्न योजनाएं चलाई गईं। सभी पंचायतों में विद्यालय खोले गए। लड़कियों को 12वीं पास करने पर पहले दस हजार मिलता था। इसे बढ़ाकर 25,000 किया गया है। सीएम ने कहा कि शिक्षकों की बहाली हुई है। आगे भी बहाली की प्रक्रिया चल रही है। स्कूल के लिए भवनों का निर्माण हुआ है। नौवीं क्लास की लड़कियों को विद्यालय जाने के लिए साइकिल योजना साल 2010 में शुरू की गई।