बिहार के भागलपुर में सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक युवक ने इसलिए सुसाइड करने की कोशिश की कि उसकी पत्नी उसे नामर्द कहती थी. इस वजह से वह डिप्रेशन में आ गया था. पत्नी के आरोप पर पंचायत बैठी तो वहां भी युवक को नामर्द मानकर 80 हज़ार रुपए जुर्माना देने का फैसला सुना दिया गया. हालांकि, अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में युवक की नामर्द होने वाली बात झूठी निकली.
यह घटना जिले के नाथनगर प्रखंड के एक गांव की है. यहां के रहने वाले एक युवक की शादी तीन माह पहले 5 मई को एक युवती से हुई थी. लेकिन शादी के महज एक सप्ताह बाद ही दुल्हन ने अपनी मां को कॉल कर बताया कि उसका पति नपुंसक है और वह ससुराल छोड़कर मायके निकल गई.
गांव में बैठी पंचायत
इसके बाद लड़कीवालों ने लड़के से बात की और कहा कि आप अपना डॉक्टर से इलाज करवाइए, फिर समझा-बूझाकर लड़की को दोबारा पति के पास भेज दिया गया. लेकिन बात बनने की बजाय और भी ज्यादा बिगड़ गई. फिर युवती ने पंचायत बिठाने का फैसला किया. इसके बाद 7 व 22 जून को हुई पंचायत में युवक का बिना मेडिकल जांच कराए ही यह फैसला लिया गया कि युवक नामर्द है. इसे पत्नी का साथ छोड़ना पड़ेगा, साथ ही 80 हजार रुपए देने होंगे और शादी में मिले जेवरात भी वापस करने होंगे.
डॉक्टर से अपनी समस्या बताई
पंचायत की ओर से लिए गए इस फैसले के बाद युवक सदमे में आ गया. इस बीच, उसने शहर के एक चिकित्सक से अपना जांच करवाई. डॉक्टर ने बताया कि वह नामर्द नहीं है, उसे केवल कमजोरी है, जो दवा लेने से ठीक हो जाएगी. फिर वह रिपोर्ट लेकर समाज के लोगों को दिखाने लगा, लेकिन कोई उसकी बात मानने को तैयार नहीं था. लोगों का कहना था कि तुम झूठी रिपोर्ट लेकर घूम रहे हो.
इसको लेकर शुक्रवार को फिर पंचायती होनी थी. लेकिन समाज के ताने से तंग आकर उसने गुरुवार को ही खुद को खत्म करने का प्रयास किया. युवक वाशिंग पाउडर के साथ अन्य केमिकल मिलाकर पी गया. उसकी तबीयत बिगड़ गई और बार-बार उल्टी होने लगी. फिर उसकी बहन ने शोर मचाना शुरू कर दिया तो आसपास के लोग वहां पहुंचकर उसे आनन-फानन में मायागंज अस्पताल में भर्ती करवाए, जहां उसका इलाज किया जा रहा है.
पीड़ित युवक ने बताया
पीड़ित युवक ने बताया कि इसी साल 5 मई को हमारी शादी हुई थी. कुछ हफ्तों तक हम लोग अच्छे से साथ रहे. लेकिन फिर अचानक पंचायत से शिकायत आती है कि तुम्हारी बीवी तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती. तुम नामर्द हो, तुम्हें उसका साथ छोड़ना होगा. साथ ही तुम्हें जेवरात और पैसे लाकर देने होंगे. पंचायत के लोग बिना मेडिकल रिपोर्ट के मुझे नामर्द साबित कर दिए, जिस वजह से मुझे समाज से ताने मिल रहे थे, फिर मैंने जहर खा लिया. पंचायत में केवल चार लोगों ने मिलकर ऐसा काम किया है, जबकि पंचायत मेरी मर्जी से नहीं लगाई गई. मैं जहां भी जाता था लोग मेरा मजाक उड़ाते थे. पंचायत के फैसले के बाद मारपीट की नौबत आ गई, फिर मैं मारपीट न हो, इस वजह से ही खुद को खत्म करने का फैसला लिया.
वहीं युवक की बहन ने बताया कि मेरे भाई के साथ पंचायत में बहुत बड़ा खेल खेला गया, जिस वजह से वह सुसाइड करने लगा. उसे पूरे मोहल्ले में नपुंसक साबित कर दिया गया, जिस वजह से शर्म से वह कहीं नहीं जाता आता था. पंचायत कहता है कि तुम जमीन बेचो, चाहे जो भी करो, तुम्हें पैसे और जेवरात लौटाने होंगे. जबकि मेडिकल रिपोर्ट में यह आया है कि मेरा भाई नपुंसक नहीं है, अब हम लोगों को इंसाफ चाहिए.
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