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बिहार: ‘पत्नी का टीचर से अफ़ेयर, पति ह’त्या मामले में 13 साल से जेल में लेकिन वो निकली जिंदा; वायरल पत्र में हैरतअंगेज़ दावा

बिहार के बक्सर ज़िले से एक हैरतअंगेज़ मामला सामने आया है, इस वजह से न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। बक्सर जेल में बंद क़ैदी का कथित तौर पर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उसने कई हैरतअंगेज़ दावा किया है। इस पत्र के वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

बक्सर जेल में बंद कैदी सुनील का दावा है कि, 13 साल से जिस जुर्म (पत्नी का कत्ल) की सज़ा में वह हवालात की हवा खा रहा है। बहू के कत्ल के आरोप में कैदी की मां की जान चली गई, वह महिला ज़िंदा है। कैदी सुनील के पत्र में कई हैरतअंगेज़ दावा किया गया है।

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वायरल पत्र के मुताबिक सुनील का आरोप है कि एक स्कूल के प्रिंसिपल से उसकी पत्नी का प्रेम प्रसंग चल रहा था। बहू को प्रेमी के साथ उसकी मां ने आपत्तिजनक स्थिति में देखा, तो वह शोर मचाने लगी। इसके बाद आरोपी प्रिंसिपल उसकी मां को चकमा देकर फरार हो गया।

वायरल पत्र में कैदी ने लिखा है कि वह यह चिट्ठी गांधी वार्ड (बक्सर जेल) से लिख रहा है। यह बात है साल 2011 की जब उसकी शादी हुई थी। उन दोनों का एक पुत्र भी था। ज़िंदगी में सबकुछ सही चल रहा था। डुमराव के डीएवी पब्लिक स्कूल में उसकी पत्नी पढ़ाती थी।

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डीएवी पब्लिक स्कूल डुमराव स्कूल का प्रिंसिपल उस वक्त शिक्षकों का इंचार्ज था। घर पर उसका आना जाना लगा रहता था। वी. आनंद नाम के इस शिक्षक को 15 अगस्त 2012 को मां ने उसकी पत्नी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया। मां ने शोर मचाया तो शिक्षक वहां से फ़रार हो गया। पत्नी भी घर से चली गई।

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ससुराल के लोगों ने केस दर्ज करवा दिया, जिस वजह से आजीवन कारावास की सज़ा भुगत रहा हूं। मां की जेल में ही मौत हो गई। कैदी सुनील तिवारी ने लिखा कि मैं उस वक्त दंग रह गया, जब फेसबुक पर अपनी पत्नी कंचन तिवारी को देखा। श्रीपथी वासवी नाम से फ़ेसबुक पर अकाउंट था, उसने अपना नाम बदल लिया है।

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सुनील के पत्र के मुताबिक वी.आनंद अभी उसी स्कूल का प्राचार्य है, उसकी पत्नी वहीं पढ़ा रही है। जिस कत्ल की सज़ा मैं काट रहा हूं, वो जिंदा है, लेकिन मैं हवालात में बंद हूं। इसलिए मैं इसकी पूरी सच्चाई उजागर नहीं कर सकता।

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मेरे दोस्त ने भी कंचन तिवारी के ठिकाने पर जाकर पड़ताल की है। उसके जिंदा होने के बाद भी 13 सालों जेल में सज़ा काटना बर्दाश्त नहीं कर पा रहा हूं। मैं शायद इसे बर्दाश्त नहीं कर पाऊं और सुसाइड कर लूं। मैं कायर नहीं हूं लेकिन पीठ पर खंजर मारा गया है। दुश्मन ने नहीं, अपनों ने ही धोखा दिया है।

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सुनील ने लोगों से इस चिट्ठी को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करने की अपील करते हुए लिखा कि लोगों को पता चले कि समाज में सिर्फ़ महिलायें ही प्रताड़ित नहीं होतीं, पुरुष भी प्रताड़ना के शिकार होते हैं। वायरल पत्र से पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। मनीष कुमार (बक्सर एसपी) ने कहा कि पर्चे के मामला संज्ञान में आया है, नगर थानाध्यक्ष को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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