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ऐसा मेरे पिता के निधन पर महसूस हुआ था, वायनाड के पीड़ितों से मिले राहुल गांधी; प्रियंका ने भी बांटा दर्द

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कांग्रेस नेता एवं वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज दोपहर केरल में वायनाड जिले का दौरा किया। उन्होंने यहां भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चूरलमाला का तथा मेप्पाडी में एक अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। पीड़ितों से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम यहां उन्हें सांत्वना और समर्थन देने के लिए आए हैं।

वायनाड भूस्खलन पीड़ितों से मिलने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “हमने पूरा दिन पीड़ित लोगों से मिलने में बिताया है। यह बहुत बड़ी त्रासदी है। हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि लोग किस तरह के दर्द से गुजर रहे हैं। हम यहां उन्हें सांत्वना और समर्थन देने के लिए आए हैं। हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी त्रासदी हुई है। हम कल बैठकर योजना बनाएंगे कि हम कैसे मदद कर सकते हैं, खासकर उन बच्चों की जो अब अकेले रह गए हैं।”

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वहीं राहुल गांधी ने कहा कि यहां लोगों ने अपना पूरा परिवार खो दिया है। उन्होंने कहा, “आज मुझे वैसा ही महसूस हो रहा है जैसा मेरे पिता के निधन पर हुआ था। यहां के लोगों ने सिर्फ एक पिता ही नहीं बल्कि एक पूरा परिवार खो दिया है। हम सभी इन लोगों के प्रति सम्मान और स्नेह के हकदार हैं। पूरे देश का ध्यान वायनाड की ओर है।” राहुल गांधी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक मुद्दों पर बात करने का समय है। यहां के लोगों को मदद की जरूरत है। अभी समय यह सुनिश्चित करने का है कि लोगों को सभी तरह की सहायता मिले। मुझे अभी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे वायनाड के लोगों में दिलचस्पी है।” राहुल गांधी ने कहा, “मेरे लिए, यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है। देखते हैं सरकार क्या कहती है।”

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उन्होंने कहा, “यह वायनाड, केरल और पूरे देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है। हम मदद करने की कोशिश करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले। उनमें से बहुत से लोग फिर से बसना चाहते हैं। यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है। मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और स्वयंसेवकों सहित सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।”

घटनास्थल का दौरा करने के बाद गांधी ने फेसबुक पर लिखा कि आपदा एवं त्रासदी का दृश्य देखकर उन्हें काफी दुख हुआ। उन्होंने लिखा, ‘‘ इस मुश्किल घड़ी में, प्रियंका और मैं वायनाड के लोगों के साथ खड़े हैं। हम राहत, बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा-केरल का विपक्षी गठबंधन) हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की बार-बार हो रही घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। एक व्यापक कार्य योजना की तत्काल आवश्यकता है।’’

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चूरलमाला पहुंचने के बाद वर्षा एवं कीचड़ के बावजूद नीले रंग का पारदर्शी रेनकोट पहने गांधी और उनकी बहन ने वहां बनाये गये लकड़ी के अस्थायी पुल को पार किया, ‘बेली’ पुल का निर्माण देखा तथा हालाज का जायजा लिया। कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने वायनाड के चूरलमाला का दौरा किया जहां विनाशकारी भूस्खलन की वजह से कई जानें चली गयीं एवं कई परिवार बर्बाद हो गये।’’

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पार्टी ने इन नेताओं के दौरे की तस्वीरें भी ‘एक्स’ पर पोस्ट कीं। वहां से राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पाडी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गये जहां शवों को रखा गया है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वहां पीड़ित परिवारों से बातचीत की। गांधी ने 2019 में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। हाल के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर वायनाड से जीत दर्ज की। इसके साथ-साथ वह उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से भी विजयी हुए। उन्होंने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से जून में इस्तीफा दे दिया जहां उपचुनाव होने पर प्रियंका के चुनाव लड़ने की उम्मीद है। इससे पहले, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सुबह साढ़े नौ बजे कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे और फिर सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे। वायनाड जिले में मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को प्रभावित किया, जिसमें अब तक महिलाओं और बच्चों सहित 173 लोगों की मौत हो चुकी है।

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