ऐसे में कैसे बनेगा बिहटा एयरपोर्ट? बड़ी समस्या आई सामने; तीन गांव के लोगों ने टीम को लौटाया
बिहार के पटना जिले में बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु पश्चिम दिशा में सर्वे करने पहुंची सात सदस्यीय टीम बैरंग लौट गई। एडीएम के नेतृत्व में पहुंची टीम ग्रामीणों का विरोध को देखकर वापस लौट गई। एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 191 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। मगर वहां के तीन गावों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासनिक कर्मचारियों को बैरंग लौटा दिया।
शुक्रवार सुबह से ही बिहटा एयरपोर्ट के पश्चिम दिशा में स्थित कोरहर, गोकुलपुर, मठिया की ओर रनवे विस्तार की संभावना से गांवों के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। जिला प्रशासन की टीम के इंतजार में गांव के सैकड़ों लोग खड़े थे। जैसे ही टीम एयरफोर्स बाउंड्री के नजदीक नहर पहुंची, बड़ी संख्या में किसान-मजदूर भी वहां जुट गए। लोगों की भीड़ और आक्रोश देखकर वहां पहुंचे अधिकारी चुपचाप चलते बने। जिसके बाद किसानों एवं ग्रामीणों ने महादेव स्थान कोरहर मंदिर के प्रांगण में सभा की।
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में वायुसेना के लिए दो बार गांव की करीब 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। 1938 में पहला अधिग्रहण हुआ। दूसरा अधिग्रहण सन 1962-63 में हुआ। अधिकतर लोगों को उस अधिग्रहण का भी अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इसके बावजूद किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई। लेकिन अब तो उनके पास सिर्फ रहने की जमीन एवं मकान बचा है। अधिकतर लोग मेहनत-मजदूरी करते हैं। ऐसे में इस तरफ रनवे का विस्तार कर सरकार उन्हें बेघर बनाना चाहती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि पटना के बिहटा में वायुसेना के एयरपोर्ट को नागरिक हवाई अड्डे में तब्दील किया जा रहा है। यहां पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। यह हवाई अड्डा मौजूदा पटना एयरपोर्ट के अतिरिक्त काम करेगा।