वंशावली में बहनों का नाम छिपाया तो होगी दिक्कत, भाइयों के नाम पर कब होगा खतियान; अधिकारी ने बताया
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विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान नया खतियान बनवाने के लिए प्रत्येक परिवार की बहनों का नाम भी वंशावली में देना अनिवार्य है। बहनों का नाम न देने की स्थिति में आपत्ति आ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि सभी लोग अपनी वंशावली में बहनों के नाम का भी जिक्र करें। यदि बहन आपकी संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लेना चाहती तो इसके लिए दूसरे रास्ते मौजूद हैं।
बंदोबस्त पदाधिकारी ने कहा कि वंशावली बहनों के नाम के बिना अधूरी मानी जाएगी। बंदोबस्त कार्यालय की जांच में उनका नाम शामिल कर ही लिया जाएगा, इसलिए बहनों का नाम छुपाने का कोई फायदा नहीं है। हां, जिन परिवारों में बहन पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लेना चाहती, उन परिवारों को अपना शेड्यूल बनाकर देना होगा और बहन शिविर कार्यालय में लिखित रूप से यह देंगी कि उन्हें पिता की संपत्ति से कोई मतलब नहीं है, इसलिए खतियान भाइयों के नाम पर ही बनाया जाये। ऐसा होता है तो फिर नया खतियान भाइयों के नाम पर ही बनेगा। बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि विशेष भूमि सर्वेक्षण में आपके द्वारा जो भी दस्तावेज उपलब्ध कराया जायेगा, उसकी जांच बंदोबस्त कार्यालय कर लेगा। इसलिए किसी भी दस्तोज का मूल में होना या अभिप्रमाणित होना आवश्यक नहीं है।