बिहार-झारखंड में सक्रिय अपराधी गिरोह का सरगना कुख्यात इनामी रंजीत चौधरी को उत्तराखंड से बिहार पुलिस की एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। रंजीत चौधरी पर 2 लाख का इनाम था। आरा के बेलाउर का निवासी रंजीत चौधरी की गिनती बिहार-झारखंड के सबसे कुख्यात अपराधियों में होती है। रंजीत चौधरी तथा बूटन चौधरी के बीच गैंगवार के दौरान पटना समेत भोजपुर तथा अन्य जिलों में दर्जनों लाशें गिर चुकी है। इसके अलावा भी रंजीत चौधरी पर दर्जनों हत्याकांड समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं। पिछले एक दशक से रंजीत चौधरी गैंग के गुर्गों ने राजधानी पटना और भोजपुर जिलों में संगीन वारदातों को अंजाम देकर खौफ का माहौल बना दिया था।
पटना-आरा का आतंक रंजीत चौधरी गिरफ्तार
रंजीत चौधरी गिरोह की रंगदारी बिहार और झारखंड के कई जिलों में चलती है। इसके गैंग पर बड़े पैमाने पर भू माफिया गिरी, रंगदारी वसूली और कांट्रैक्ट किलिंग के मामले दर्ज हैं। एसटीएफ को रंजीत चौधरी की तलाश थी। जिसे लेकर एसटीएफ के द्वारा कई जिलों में सीक्रेट्र ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इसी बीच टीम को खबर मिली कि रंजीत ऋषिकेश में है। इसके बाद शुक्रवार की देर रात उत्तराखंड के ऋषिकेश में एसटीएफ ने रंजीत चौधरी को धर-दबोचा। रंजीत चौधरी की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस ने राहत के सांस ली है।
कुख्यात रंजीत चौधरी ने जारी किया वीडियो
वही रंजीत चौधरी ने पटना के पालीगंज के तत्कालीन डीएसपी और रानी तालाब थाना प्रभारी पर बालू माफिया के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाया है। यह आरोप चर्चित देवराज हत्याकांड के केस में है। रंजीत चौधरी ने इस वीडियो में कहा है कि देवराज के परिवार की तरफ से लिखाई गई FIR में उसका नाम तक नहीं था। लेकिन बाद में उसे पता चला कि देवराज मर्डर केस में डीएसपी और थानेदार उसे तलाश रहे हैं। रंजीत चौधरी ने दावा किया है कि वो उत्तराखंड में अपनी फैमिली के साथ रहता है और वारदात वाले दिन उसने उत्तराखंड में खरीददारी की थी और उसके पैसे उसने ऑनलाइन अपने मोबाइल से खर्च किए थे।
रंजीत चौधरी के वीडियो में कई सनसनीखेज आरोप
सूत्रों की मानें तो अपनी गिरफ्तारी से पहले रंजीत चौधरी ने अपना वीडियो बनाया था। गिरफ्तारी के बाद उसके परिजनों ने सोशल मीडिया पर उसके इस वीडियो को वायरल कर दिया। भोजपुर जिले के कुख्यात अपराधी के तौर पर जाना जाने वाला रंजीत चौधरी पहले एक साधारण युवक था लेकिन बाद में उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा और वह बेताज बादशाह बन गया। वायरल वीडियो में आरोपी रंजीत चौधरी ने राष्ट्रपति एवं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मांग करते हुए कहा है कि छह नवंबर 2023 को पटना के रानी तालाब थाना क्षेत्र के अंतर्गत थाना गेट पर बालू ठेकेदार देवराज यादव की हत्या हुई थी। इस केस में बेवजह उसका नाम घसीटा जा रहा है। वारदात से उसका कोई लेना देना नहीं है। रंजीत चौधरी ने यह आरोप लगाया है कि अगर वो आरोपी है तो देवराज हत्याकांड के लिए पालीगंज के तत्कालीन डीएसपी प्रीतम कुमार ने ही सुपारी दी थी और ये बोला था कि जो रुपया बालू से आएगा उसे आधा-आधा बांटा जाएगा।
देवराज हत्याकांड फिर से चर्चा में
इधर, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में इस वीडियो को लेकर हड़कंप मच गया है। इस मामले में डीएसपी प्रीतम कुमार से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था। सिटीएसपी पश्चिम अभिनव धीमान से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। बता दें कि पटना के रानी तालाब थाना क्षेत्र के गेट पर 6 नवंबर 2023 को बालू ठेकेदार देवराज की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर डाली थी। घटना के बाद देवराज की पत्नी अनीता देवी ने रानी तालाब थाने में अजय कुमार उर्फ सरपंच सहित पांच लोगों को इस हत्या मामले में शामिल होने की बात कही थी। घटना के बाद रानी तालाब थाना में 382/ 23 कांड दर्ज किया गया था।
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