बिहार: एक ही शख्स के नाम कर दी सरकारी बस स्टैंड के अरबों की 85 कट्ठा जमीन, CO समेत 4 पर प्राथमिकी
बिहार में इन दिनों जमीन सर्वे का काम तेजी से हो रहा है. वहीं इसी बीच जमीन घोटाले की खबर भी सामने आ रही है. लेकिन, सबसे अहम बात यह है कि अब बिहार में जमीन घोटाला करने वालों खैर नहीं है. दरअसल बिहार के गोपालगंज के राजेंद्र बस स्टैंड की अरबों की जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है. जिलाधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम ने इस मामले में अंचल पदाधिकारी, सीआई और राजस्व कर्मचारी और एक भू-माफिया के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
बता दें, गोपालगंज में नगर परिषद के राजेंद्र बस अड्डा की अरबों की कीमत वाली जमीन पर भू-माफियाओं ने अवैध जमाबंदी करा ली थी. यह घोटाला तब सामने आया जब भू-माफियाओं ने सदर अंचल से सेटिंग कर मोटी रकम खर्च कर यह खेल किया. मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए. सदर एसडीएम की रिपोर्ट ने यह साबित किया कि जमीन की नीलामी और कब्जे में गंभीर अनियमितताएं थीं.
अब तक हुए क्या-क्या एक्शन
1. जमाबंदी का फर्जी मामला: नगर परिषद के राजेंद्र बस स्टैंड की 85 कट्ठा जमीन को भू-माफिया अजय दूबे द्वारा अंचल कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से जमाबंदी बनवा लिया गया था और जमीन पर कब्जा करने के लिए दावा किया गया था.
2. जिलाधिकारी का आदेश: डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने सदर अंचल के सीओ गुलाम सरवर, सीआई जटाशंकर प्रसाद, और राजस्व कर्मचारी दिनेश चंद्र मिश्रा के साथ भू-माफिया के खिलाफ FIR दर्ज कराने का आदेश दिया है. यह आदेश सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार की जांच रिपोर्ट आने के बाद दिया गया है.
3. विभागीय कार्रवाई : डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. राजस्व कर्मचारी संविदा पर हैं, उन्हें बर्खास्त करने के लिए एडीएम स्थापना को निर्देश दिया गया है. साथ की पेंशन रोकने की कार्रवाई हो रही है. सीओ और सीआई पर विभागीय कार्रवाई के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता को निर्देश दिया गया है.
4. जांच रिपोर्ट की भूमिका: सदर एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है, जिसने इस मामले की गंभीरता को उजागर किया. एसडीएम ने जांच में पाया था कि सदर अंचल के रिपोर्ट-2 रजिस्टर में छेड़छाड़ की गयी और फर्जी जमाबंदी का पेज अलग से लगा दिया गया था. एक ही दिन 40 साल की रसीद कटी और बिना स्पॉट वेरिफिकेशन किये सीओ ने जमाबंदी कर ऑनलाइन की प्रक्रिया पूरी की.
5. भू-माफियाओं में हड़कंप: इस कार्रवाई से भू-माफियाओं और संबंधित अधिकारियों में खलबली मच गई है, जिससे वे अपनी गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं. हाल के दिनों ने डीएम और एसपी के अनुपस्थिति में शहरी इलाके में भू-माफियाओं ने कई जमीन को कब्जा किया है. इसमें में भी अधिकारियों की संलिप्तता होने की शिकायत मिली है, जिसकी जांच शुरू कर दी गयी है.
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. उनका कहना है कि यह कार्रवाई न केवल दोषियों के खिलाफ होगी, बल्कि यह अन्य अधिकारियों को भी एक संदेश देगी कि गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. शिकायतों की जांच कर कार्रवाई की जा रही है.
आगे की कार्रवाई
अब प्रशासन ने इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने और सभी दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसे मामले न हों. इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि गोपालगंज जिला प्रशासन भ्रष्टाचार और भू-माफिया के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. अब देखना यह है कि यह कार्रवाई कितनी प्रभावी साबित होती है और क्या इससे भू-माफियाओं की गतिविधियों में कमी आएगी.