बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल के बाद बिहार में एक और ब्रिज ध्वस्त, कई पंचायतों से टूटा संपर्क, हजारों लोग प्रभावित
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बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार के अलग-अलग जिलों में बीते 3 महीने में एक के बाद एक कई पुल धराशायी हो गए। बीती रात जहां बिहार के समस्तीपुर जिले के पटोरी प्रखंड में बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क पर लगूनिया रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन ओवर ब्रिज का एक स्लैब अचानक गिर गया। वहीं मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड के हरिणमार पंचायत और गोगरी के बीच गंडक नदी के बीच एक और पुल ध्वस्त हो गया। गंडक नदी के बीच एक धार पर बने हुए इस ब्रिज को बिचली पुल भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार बिचली पुल बाढ़ के पानी का तेज बहाव नहीं झेल पाया और पूरी तरह ध्वस्त हो गया। पुल गिरने की वजह कई पंचायत के लोगों का सीधा संपर्क गोगरी से पूरी तरह भंग हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार बाढ़ के पानी के कारण इस रास्ते में पड़ने वाले अन्य पुलों की स्थिति भी काफी दयनीय हो गई है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही पता चल पाएगा कि एक पुल तो ध्वस्त हो गया है और अन्य पुलों की क्या स्थिति है।
80 हजार से अधिक आबाद प्रभावित :
वहीं मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि गोगरी जाने के रास्ता में पड़ने वाला पुल ध्वस्त हो गया, जिससे 80 हजार से ज्यादा आबादी प्रभावित हो गई है। यह पूल कल ही ध्वस्त हुआ था। लेकिन, आज पानी उतरने के बाद उसकी वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी हुई। जानकारी के अनुसार इस पुल का निर्माण 10 साल पहले हुआ था। अब पानी उतरने के बाद ही जिला प्रशासन टीम भेज जांच करवा पाएगी कि पुल कैसे ध्वस्त हो गया।
बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पर पुल गिरने से हड़कंप :
बता दें, समस्तीपुर जिले के पटोरी प्रखंड में बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क पर लगूनिया रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन ओवर ब्रिज का एक स्लैब अचानक गिर गया। यह हादसा तब हुआ जब स्लैब का निर्माण कार्य पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ था। घटना के बाद निर्माण कंपनी में हड़कंप मच गया, और स्थानीय कर्मचारियों ने स्थिति संभालने के लिए जेसीबी और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि स्लैब को मिट्टी में दबाकर घटना को छिपाने की कोशिश की जा रही है।