बिहार: मेमू ट्रेन से टकराकर तालाब में गिरी स्कॉर्पियो कार, आसपास के ग्रामीणों ने बचाई जान
बिहार के जहानाबाद जिले में पटना-गया रेलखंड पर गुरुवार को एक स्कॉर्पियो कार पैसेंजर ट्रेन से टकरा गई। यह हादसा जहानाबाद और नदौल के बीच सलेमपुर गांव के निकट अवैध क्रॉसिंग पर गुरुवार दोपहर में हुआ। बताया जा रहा है कि अप लाइन पर 05553 पाटलिपुत्र-गया मेमू एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन से टकराकर एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उसपर सवार एक ही परिवार के चार लोग घायल हो गए। ट्रेन से टकराने के बाद कार करीब 15 फीट नीचे पानी से भरे तालाब में जा गिरी।
घटनास्थल के आसपास बैठे ग्रामीणों ने पानी में घुसकर तुरंत कार से पिता, पुत्र, पतोहू और पोती को बाहर निकाला। उनका एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया। घायलों में चंद्रदेव प्रसाद मंडल, उनके पुत्र राजेश कुमार, पतोहू रागिनी देवी और पोती आरोही कुमारी शामिल हैं। ये सभी काको थाना क्षेत्र के सुखदेव विगहा गांव के निवासी हैं।
हादसे की सूचना मिलने के बाद जहानाबाद से जीआरपी और आरपीएफ के पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की तहकीकात की। रेल थानाध्यक्ष दीप नारायण यादव ने बताया कि इस घटना में घायल लोगों का इलाज कनौदी के समीप एक निजी अस्पताल में कराया गया। पानी में गिरी काले रंग की कार को निकाला जा रहा है। रेल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
अवैध क्रॉसिंग पर पटरी में फंस गया था कार का टायर
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मेमू ट्रेन पटना से खुलकर अपने निर्धारित समय से चल रही थी। तारेगना रेलवे स्टेशन के बाद उसका ठहराव जहानाबाद में होता है। नदौल स्टेशन से दक्षिण सलेमपुर गांव के निकट अवैध क्रॉसिंग को कार चालक क्रॉस करना चाह रहे थे। ट्रेन स्पीड से आ रही थी। इस बीच कार का टायर पटरी में फंस गया।
उसी दौरान दोपहर करीब 12.20 बजे तेज रफ्तार में आ रही मेमू ट्रेन ने स्कॉर्पियो कार को सीधी टक्कर मार दी। हादसे में घायल राजेश कुमार का कहना है कि वे लोग काको के सुखदेव विगहा गांव के निवासी हैं और सलेमपुर स्थित अपने एक रिश्तेदार के घर जा रहे थे। रास्ते का पूरा पता नहीं था और ट्रेन को भी देख नहीं पाए थे।
टक्कर के बाद कार रेल ट्रैक से कुछ दूरी पर घिसटने के बाद रेल लाइन के पूर्व की ओर पानी से भरे तालाब में जा गिरी। हादसे की वजह से कुछ देर तक ट्रेन वहीं पर रुक गई। बाद में जहानाबाद के लिए रवाना हो गई। बता दें कि पटना-गया रेल खंड पर पहले 55 अवैध क्रॉसिंग थे, जिसे रेलवे प्रशासन ने एक अभियान चलाकर अधिकतर बंद करा दिए। मगर अब भी सात अवैध क्रॉसिंग मौजूद हैं, जिन पर हर तरह के वाहन की आवाजाही होती है। ऐसे में हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।