विवादित बयानों के लिए मशहूर रहे केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सीवान और सारण (छपरा) में शराब से लगभग तीन दर्जन लोगों की मौत के सवाल पर राज्य की 13-14 करोड़ आबादी का जिक्र करते हुए कहा है कि कुछ ना कुछ होता रहता है। इस तरह की घटना होती रहती है। दो साल पहले दिसंबर 2022 में जब छपरा में जहरीली शराब से 70 से ऊपर लोगों की मौत हो गई थी, तब राज्य में शराबबंदी लागू करने वाले सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि जो पिएगा, वो मरेगा ही। सीवान और सारण में चार-पांच दिनों में जहरीली शराब से तीन दर्जन लोगों की मौत हुई है और काफी लोग अस्पताल में भर्ती हैं। सीवान में सबसे ज्यादा मौत हुई है।
जीतनराम मांझी ने पत्रकारों के सवाल पर कहा- “बिहार सरकार इसमें बहुत तत्परता से काम कर रही है। और, जो भी घटनाएं होती हैं, घटना के जो दोषी होते हैं, उसको लोग पकड़ते हैं। आए दिन इस तरह की घटना होती है। 13 करोड़, 14 करोड़ जनसंख्या है। कहीं ना कहीं कुछ हो जाए। सिर्फ बिहार की बात नहीं है, अन्य जगहों में भी इस तरह की बात आती है।” मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लोग ही शराब बिकवा रहे हैं। संतोष सुमन हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा- सेकुलर (हम) के अध्यक्ष हैं और नीतीश सरकार में मंत्री हैं।
शराबबंदी की नाकामी को जहरीली शराब की बिक्री से जोड़ते हुए तेजस्वी यादव, अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रशांत किशोर जैसे विपक्षी नेताओं ने प्रशासन, पुलिस और शराब माफिया की मिलीभगत को इसके लिए जिम्मेवार बताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्पाद विभाग, शराबबंदी पुलिस को प्रभावित इलाकों में जांच और कार्रवाई के लिए भेजा है। डीजीपी आलोक राज भी मामले की जांच और संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारियों पर नजर रख रहे हैं।
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