बिहार में पहली बार महिला एशियन चैम्पियनशिप ट्रॉफी, रोज कितने मैच और कितनी टीमें हैं शामिल; गौरव यात्रा का भी आयोजन
बिहार के इतिहास में पहली बार राजगीर में 11 से 20 नवंबर को होने वाली महिला एशियन चैम्पियनशिप ट्रॉफी का आयोजन होना है। इसके प्रचार-प्रसार व खेल जगत में बिहार के बढ़ते कदम की वृहत जानकारी देने के उद्देश्य से ट्रॉफी गौरव यात्रा की शुरुआत की जा रही है। बाहरी राज्यों की यात्रा हवाई जहाज से की जानी है। इसमें हॉकी कोच मिनी और कॉमन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट व मुंगेर निवासी खिलाड़ी चंदन कुमार शामिल रहेंगे।
एक अणे मार्ग से सोमवार को सीएम नीतीश कुमार हरी झंडी दिखाकर गौरव यात्रा को रवाना करेंगे। यह यात्रा पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और झारखंड से होते हुए बिहार के सभी 38 जिलों से गुजरेगी। इसमें वहां के सीएम, खेल मंत्री व अन्य प्रतिनिधि व अधिकारी शामिल होंगे। इस खेल की टैगलाइन ‘हॉकी का पर्व, बिहार का गर्व’ है। बाहरी चार राज्यों की राजधानियों से होकर यह यात्रा 19 अक्टूबर को पटना आ जाएगी।
हर जिले में जाएगी
इसके बाद सूबे के सभी 38 जिलों में यह यात्रा सड़क मार्ग से होकर जाएगी। इस दौरान वहां के प्रभारी मंत्री, डीएम, एसपी, डीसीसी, खेल पदाधिकारी व संघ संगठनों से जुड़े लोगों के अलावा जिलेभर के खिलाड़ी शामिल होंगे।
वहां के जिला खेल पदाधिकारी व डीएम के बनाये रूट चार्ट के अनुसार यात्रा में शामिल लोग ट्रॉफी ले जाएंगे। सूबे के सभी जिलों से होते हुए यात्रा 7 नवंबर को नालंदा पहुंचेगी। इसके बाद सभी प्रखंडों व खिलाड़यिों से संबंधित गांवों से होते हुए 10 नवंबर की शाम में राजगृह पहुंचेगी। अगले दिन हॉकी प्रतियोगिता के उद्घाटन के कुछ समय पहले क्रिकेट स्टेडियम जाएगी।
रोजाना 3 मैच
11 से 20 नवंबर तक राजगृह में रोजाना शाम तीन बजे से साढ़े सात बजे तक तीन मैच होंगे। हर दिन का अंतिम मैच भारत व अन्य देश से होगा। मैच में भारत के अलावा चीन, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, जापान व मलेशिया की टीमें खेलेंगी। इनमें चार देश बौद्ध धर्मावलंबी हैं। उनके लिए राजगृह मुस्लिमों का मक्का-मदीना के समान नमनीय है। भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी 5, तो विदेशी टीमें 8 नवंबर तक राजगृह आ जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बने हॉकी स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया जा रहा है। इसके टर्फ (खेल मैदान की उपरी सतह) को बदला जा रहा है। पहले से बिछाया गया टर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं माना गया। इसके साथ ही, जल प्रबंधन को बेहतर करने का काम अंतिम चरण में है।