बिहार में बाढ़ का कहर: बुलेट पर घूम-घूमकर लोगों को पैसे बांटते दिखे पप्पू यादव, सामूहिक रसोई के लिए भी जेब से रुपए दिए
बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। 16 जिलों के तमाम गांवों और शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। ग्रामीण इलाकों का हाल सबसे ज्यादा बुरा है। पूरे-पूरे गांव जलमग्न हो गए हैं। घर, मवेशी छोड़ लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव बाढ़ के बीच सहरसा जिले के महेसी प्रखंड के बिरगांव पहुंचे। बाढ़ पीड़ितों के लिए सामूहिक रसोई की व्यवस्था के लिए जेब से निकालकर 50 हजार रुपए कैश दिए। पप्पू यादव कई जगहों पर लोगों के बीच नगद राशि भी बांटते नजर आए।
सोशल साइट एक्स पर सांसद पप्पू यादव ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सहरसा जिला मेहसी प्रखंड के बिरगांव गांव में बाढ़ के कारण तीनों दिनों से लोग भूखे हैं। सरकार की ओर से न मदद है, न कोई व्यवस्था। इसलिए कम्युनिटी किचेन शुरू कर तत्काल राहत के लिए 50 हजार रुपया दिया! सरकार ज़िम्मेदारी से भाग सकती है, मैं कैसे मुंह मोड़ लूं?
आपको बता दें गंडक और कोसी नदी में भारी मात्रा में पानी के डिस्चार्ज से कई नदियां उफान पर आ गई हैं। जिसके चलते उत्तर बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। पूरे राज्य में 4 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है। हालांकि सरकार की ओर से राहत और बचाव का कार्य जारी है। इससे पहले भी पप्पू यादव ने कुछ दिन पहले अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था।
आपको बता दें गंडक और कोसी नदी में भारी मात्रा में पानी के डिस्चार्ज से कई नदियां उफान पर आ गई हैं। जिसके चलते उत्तर बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। पूरे राज्य में 4 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है। हालांकि सरकार की ओर से राहत और बचाव का कार्य जारी है। इससे पहले भी पप्पू यादव ने कुछ दिन पहले अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था।
उन्होने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की हालत बहुत खराब है। लोगों को खाना नहीं मिल रहा है। मवेशियों के लिए चारा नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमराई हुई है। पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री से अपील की थी कि ऐसे क्षेत्रों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया जाए। और तत्काल कम्युनिटी किचेन शुरू हो, ताकि लोगों को खाना मिल सके। पप्पू यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सहायता राशि हड़पने के आरोप लगाए थे।