अब नीतीश और जेडीयू के लिए दलित महाकुंभ करेंगे अशोक चौधरी, भीम संसद के बाद नया प्लान
बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल 2025 को पटना में दलित महाकुम्भ का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए ग्रामीण कार्यमंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि इसमें पूरे बिहार से दलित समाज के लोग शिरकत करेंगे। शीघ्र ही इसका स्थल चयन कर लिया जाएगा। अशोक चौधरी ने कहा कि पिछले साल 26 नवम्बर को हम लोगों ने संविधान दिवस के अवसर पर भीम संसद का आयोजन किया था। भीम संसद कार्यक्रम को एक वर्ष पूरा हो रहा है। इस वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर धूम-धाम से बापू सभागार में भीम संसद कार्यक्रम मनायंगे। अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित/महादलित विरादरी के उत्थान के लिए कई योजनाएं बनाकर उन्हें धरातल पर उतारा।
अशोक चौधरी गुरुवार को अपने सरकारी आवास दो पोलो रोड में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल 26 नवम्बर 2023 को हम लोगों ने संविधान दिवस के अवसर पर भीम संसद का आयोजन किया था। भीम संसद कार्यक्रम को एक वर्ष पूरा हो रहा है। इस वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर धूम-धाम से बापू सभागार में मनायंगे। दलित महाकुंभ में बिहार भर के दलित समाज के लोग शामिल होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 18-19 वर्षां में हमारे नेता नीतीश कुमार ने इस प्रदेश में दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण और बड़े काम किए है। उनकी सरकार ने दबे-कुचले, दलित-महादलित, पिछड़ो-अति पिछड़ों के सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से उत्थान के लिए इस प्रदेश में काम किये है। उन सबके उत्साह के रूप में बाबा साहब की जयंती दिनांक 14 अप्रैल, 2025 के दिन पूरे बिहार के सभी दलित भाईयों ने दलित महाकुम्भ कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि अन्य साथी मंत्रीगण और अन्य साहयोगियों के साथ बैठक कर दलित महाकुम्भ कार्यक्रम स्थल गांधी मैदान या वेटनरी मैदान कोई एक स्थल निर्धारित कर आप सभी को बता दिया जाएगा। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में श्री चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार जी का काम बोलता है और तेजश्वी यादव जी का केवल ट्वीट बोलता है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर राजनैतिक दल अपने समूह को एकजुट रखने का प्रयास करता है ताकि उसकी ताकत बनी रहे। दलितों को लेकर इस प्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये है जिस पर कुछ लोग आक्षेप करते रहते है। समाज के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले लोगों के साथ कई वर्षां तक छुआ-छूत जैसा व्यवहार किया गया है। बाबा साहब ने संविधान में अधिकार देकर सबको समान पायदान पर लाने का प्रयास किया है। इनको एकजुट करने, आर्थिक सामाजिक और राजनैतिक रूप से मुख्य धारा में लाने के लिए नीतीश कुमार ने योजनाओं का निर्माण किया और उन्हें धरातल पर उतारा।
एक बड़ी आबादी दलितों की इस प्रदेश में है। सबकी इच्छा होती है कि एक ऐसे राजनैतिक दल से एक ऐसे नेता से जुडे़ जो भविष्य में इनकी आने वाली पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए काम करे। इसलिए सभी दलित माननीय नेता श्री नीतीश कुमार के साथ है। इससे पहले उन्होंने बिहार वासियों को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दी।