मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ बिहार, सीएम ने बताया ड्रोन तकनीक से मत्स्य पालन के फायदे
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मछली उत्पादन के मामले में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। ड्रोन तकनीक के उपयोग से मत्स्य पालकों को काफी लाभ होगा। वे शनिवार को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग मछली के बीज तालाब में डालने से लेकर दाना देने, मछली मारने तक में होगा। इससे मछुआरों का काम आसान होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे अपने कार्य से अपनी तरक्की के साथ-साथ राज्य की तरक्की में भी योगदान दे रहे हैं। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। वर्ष 2005 से पहले मछली उत्पादन बहुत कम था। पहले दूसरे राज्य की मछलियां बिहार में मंगाई जाती थीं और अब बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं। वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2.88 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 8.73 हजार मीट्रिक टन हो गया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में विकास कार्यों की क्या स्थिति थी, सभी को पता है। 24 नवंबर, 2005 को जब हमलोग सरकार में आए तो राज्य के विकास के लिए नीति और कार्यक्रम बनाए गए। कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया। लोगों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए। साथ ही महिलाओं की तरक्की के लिए कई कार्य किए गए। कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी संबोधित किया।
सीएम ने मत्स्य बीज व आहार वितरित किया मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी अंजू देवी, ऊषा देवी, मीरा देवी, रीता रानी एवं निशांत कुमार को अनुदान राशि का चेक प्रदान किया। साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 15 मत्स्य पालकों को 0.50 लाख मत्स्य बीज वितरित किया गया। सांकेतिक रूप से संजीव कुमार, सुरेंद्र प्रसाद एवं ललिता देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य बीज प्रदान किया। जबकि, 19 मत्स्य पालकों के बीच 7 टन मत्स्य आहार वितरित किया गया। इसमें सांकेतिक रूप से धर्मराज सहनी और रेखा देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य आहार प्रदान किया। इसके पहले पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजयालक्ष्मी ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्रत्त् एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व लगाई गई ड्रोन की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।