बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को नीतीश सरकार ने खुशखबरी दी है. इन शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी लागू कर दी गई है. जिसके तहत शिक्षकों का हर पांच साल पर ट्रांसफर किया जाएगा. हालांकि दिव्यांग या बीमार शिक्षकों की समस्या को देखते हुए पांच वर्ष से पहले भी ट्रांसफर किया जा सकता है. शिक्षा विभाग के अनुसार, दिसंबर से शिक्षकों की पोस्टिंग और ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
ट्रांसफर के लिए दस विकल्प
नई नीति के तहत, सभी बीपीएससी से नियुक्त, सक्षमता परीक्षा पास, और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों का ट्रांसफर हर पांच साल पर किया जाएगा. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को 10 विकल्प दिए जाएंगे, और यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. जिन शिक्षकों को शारीरिक दिव्यांगता या गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी और उनका ट्रांसफर पहले ही हो सकता है.इसके अलावा, पति-पत्नी को एक ही विद्यालय में पोस्टिंग की सुविधा भी इस नीति में दी गई है.
सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगी पोस्टिंग
सरकार की इस नई नीति के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन के जरिए तबादले और पोस्टिंग की जाएगी. इसके लिए विभाग एक खास सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है. रिक्तियों की गणना शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के आधार पर की जाएगी.
स्कूलों में पोस्टिंग का बदलेगा अनुपात
विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना 10 से 30 प्रतिशत के अनुपात में होगी. इसमें 10 नियमित शिक्षक, 30 स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षक, 30 योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक तथा 30 प्रतिशत BPSC द्वारा नियुक्त शिक्षक शामिल होंगे. कार्य निष्पादन के क्रम के आधार पर स्थानांतरण एवं पदस्थापना की जाएगी. किसी विशेष विद्यालय में महिला शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना की सीमा 70 प्रतिशत होगी. प्रत्येक नगरीय निकाय को इकाई मानकर स्थानांतरण की कार्रवाई की जाएगी.
विवादित शिक्षकों का अंतर जिला या अंतर प्रमंडल में होगा ट्रांसफर
स्थानीय राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्तता, वित्तीय अनियमितता, नैतिक भ्रष्टाचार और गंभीर आरोप सिद्ध होने की स्थिति में छात्र हित में ऐसे शिक्षकों का जिले से बाहर तबादला किया जाएगा. डीईओ को ऐसे शिक्षकों की शिकायत जिला पदाधिकारी और मुख्यालय से करनी होगी. इसके बाद आयुक्त द्वारा उनका तबादला किया जाएगा. तबादले के बाद शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर रोक रहेगी. यदि विशेष कारणों से प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता पड़ती है तो जिला स्थापना समिति 3 माह के लिए प्रतिनियुक्ति करेगी.
जिले के अंदर ट्रांसफर और पोस्टिंग डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी
जिले के अंदर तबादला व पदस्थापना के लिए शिक्षा विभाग जिला स्थापना समिति बनाएगा. इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे. जबकि उप विकास आयुक्त, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, जिला पदाधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति से नामित पदाधिकारी, महिला वरीय उपसमाहर्ता, जिला पदाधिकारी द्वारा नामित अल्पसंख्यक पदाधिकारी सदस्य होंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. इसके साथ ही प्रमंडल के अंदर अंतर जिला तबादला समिति बनेगी. इसमें प्रमंडलीय आयुक्त अध्यक्ष होंगे. राज्य स्तर पर तबादले के लिए समिति बनेगी. इसमें शिक्षा विभाग के सचिव अध्यक्ष और प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक सदस्य होंगे.
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