बिहार के गया में जन सुराज पार्टी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और तोड़फोड़ पर उतर आए। दरअसल, प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पार्टी की ओर से विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर यह बैठक बुलाई गई थी। बैठक में बेलागंज विधानसभा सीट से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देने की घोषणा पर विवाद हो गया। टिकट के दावेदारों के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। प्रशांत किशोर ने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन वे नहीं माने।
बिहार उपचुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के लिए पीके ने की बैठक
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा के उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर गया में एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक का मकसद बेलागंज विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करना था। पार्टी ने इस सीट से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया था।
प्रत्याशी के नाम की घोषणा से पहले भिड़े कार्यकर्ता
हालांकि, जैसे ही पार्टी की ओर से प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने वाले थे, बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं का एक धड़ा बेकाबू हो गया। बताया जा रहा है कि बेलागंज से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेताओं के समर्थक पार्टी के फैसले से नाराज थे। इस दौरान नारेबाजी के बीच कुर्सियां भी चलीं। प्रशांत किशोर ने मंच से कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह का दबाव न बनाने की अपील की। उन्होंने साफ कहा कि जन सुराज पार्टी किसी के दबाव में काम नहीं करती है।
बता दें कि बेलागंज विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए जन सुराज पार्टी चार नामों पर विचार कर रही थी। इन चार नामों में मोहम्मद अमजद हसन, प्रोफेसर खिलाफत हुसैन, मोहम्मद दानिश मुखिया और प्रोफेसर सरफराज खान शामिल थे।
प्रशांत किशोर के सामने कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी
बैठक के दौरान ही मंच से दानिश मुखिया ने अमजद हसन के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद सरफराज खान ने भी अपनी दावेदारी छोड़ दी। अब मुकाबला अमजद हसन और खिलाफत हुसैन के बीच रह गया था। हालांकि, जैसे ही प्रशांत किशोर ने यह घोषणा की कि बेलागंज की जनता और पार्टी ने तय किया है कि इस सीट से अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवार को ही उतारा जाएगा, अमजद हसन के समर्थक नारेबाजी करने लगे। पीके ने यह भी कहा था कि खिलाफत हुसैन का नाम भी इस दौड़ में शामिल है।
भीड़ शांत नहीं हुई तो नाम का ऐलान किए बिना चले गए प्रशांत किशोर
हालांकि, पीके के बार-बार समझाने के बावजूद भीड़ शांत नहीं हुई। बाद में अमजद हसन ने खुद आगे आकर ऐलान किया कि वह पार्टी के प्रति समर्पित हैं और खिलाफत हुसैन के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। लेकिन, हंगामा जारी रहा और मंच से किसी भी उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी। अंत में, पीके को बिना किसी सहमति के ही भाषण खत्म करके वहां से जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि दोनों विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी।
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