ट्रैक पर बम रखकर ट्रेन पलटने की साजिश, बिहार में NIA कोर्ट से 6 दोषियों को जेल
बिहार के पटना की एनआईए विशेष अदालत ने पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन में रेलवे ट्रैक पर आईईडी प्रेशर कुकर बम प्लांट कर ट्रेन पलटने की आतंकी साजिश मामले में शनिवार को 6 दोषियों को सजा सुनाई। अदालत ने उमाशंकर पटेल, गजेंद्र कुमार शर्मा और मोतीलाल पासवान को यूएपीए एक्ट की कई धाराओं के तहत 12-12 वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई। उमाशंकर और गजेंद्र पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, मोतीलाल पासवान को 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई है। एनआईए कोर्ट ने दोषी राकेश कुमार यादव, मुकेश यादव और रंजय शाह को 9-9 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई। साथ ही राकेश पर 12 हजार, रंजय पर 10 हजार और मुकेश पर 6 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
करीब 8 साल पुराने इस मामले में एनआईए पटना की कोर्ट ने 6 आरोपियों को बीते 25 सितंबर को यूएपीए, रेलवे एक्ट समेत अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था। फैसले में अदालत ने कहा कि जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को तीन-तीन माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में आंतक फैलाने के लिए फंडिंग कर स्थानीय लोगों को मिलाया और उनकी मदद से ट्रेन उड़ाने की साजिश रची थी। इसमें दो नेपाली नागरिकों का भी सहयोग लिया गया था।
इसी साजिश के तहत 30 सितंबर 2016 को घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक नेपाल की सीमा से सटे रेलवे ट्रैक पर आईईडी प्लांट किया गया था। हालांकि, विस्फोट से पहले ही बम को बरामद कर उसे नष्ट कर दिया गया। इस मामले में रक्सौल जीआरपी ने एक अक्टूबर 2016 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इस कांड की जांच एनआईए ने साल 2017 में अपने जिम्मे लिया था।
एनआईए ने इस मामले में मोतीलाल पासवान समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया और पुख्ता सबूतों के साथ 28 जुलाई 2017 को चार्जशीट दायर की थी। आरोप पत्र में दो नेपाली नागरिक- ब्रजकिशोर गिरी और शमसुल होदा को फरार दिखाते हुए 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। मामले के एक आरोपी अरुण राम की पहले ही मौत हो चुकी है।