बिहार: 4 दिन बाद बिगड़ने वाला है मौसम, IMD ने ठंड को लेकर जारी किया नया अपडेट; लोगों से सावधान रहने की अपील
राजधानी समेत प्रदेश के मौसम में तीन से चार दिनों के बाद यानी 14 नवंबर से बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान पछुआ के प्रवाह से न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से ठंड में वृद्धि की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस वर्ष ला नीना के प्रभाव से ठंड में वृद्धि की संभावना है।
हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने के मौसम समान्य बना हुआ है। तीन से चार दिनों के दौरान प्रदेश की हवा में बदलाव आने के साथ सुबह के समय धुंध से राहत मिलने के आसार हैं।
इन दिनों बंगाल की खाड़ी से नम पुरवा हवा के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक होने के साथ मौसम में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार बीते पांच वर्षों के दौरान इस वर्ष नवंबर में मौसम सामान्य है। जबकि बीते वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह से ही ठंड का अहसास लोगों को होने लगा था।
न्यूनतम तापमान भी 10-15 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। जबकि इस बार नवंबर में न्यूनतम तापमान 19-23 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री सेल्सियस व 33.5 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस व 17.5 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। रविवार को पटना सहित आसपास इलाकों का मौसम दिन में धूप निकलने से सामान्य बना रहा।
सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का अधिक खतरा होता है। इसलिए इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है।
इस मौसम में शिशुओं में निमोनिया होने का खतरा अधिक हो जाता है। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों को द्रव या मवाद से भरकर उसमें सूजन पैदा करता है। इससे बलगम वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरूर लगवाना चाहिए।