बिहार के सीतामढ़ी जिला में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है. बथनाहा प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत दो शिक्षक और पांच शिक्षिकाओं को फर्जी शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने के लिए बर्खास्त कर दिया गया है. यह सभी शिक्षकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है, क्योंकि ये अवैध शिक्षक एक से डेढ़ दशक तक विद्यालयों में सेवाएं दे रहे थे.
हाइकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच
इस मामले में सबसे खास बात ये है कि जिस नियोजन इकाई ने इन फर्जी शिक्षकों को बहाल किया, वही उन्हें सेवा से बाहर का रास्ता दिखाने में सबसे आगे रही.
यह घटना तब सामने आई जब निगरानी विभाग ने हाइकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करना शुरू किया गया. प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत कुछ शिक्षक और शिक्षिकाओं को फर्जी शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने के लिए बर्खास्त कर दिया गया है.
कुल सात शिक्षकों को किया गया बर्खास्त
इस मामले की जब जांच शुरू हुई तो यह पाया गया कि इन सात शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र अवैध हैं. पिछले वर्ष चार शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जबकि इस वर्ष तीन अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसी जांच के सिलसिले में बथनाहा प्रखंड के दो शिक्षक व पांच शिक्षिकाओं के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं.
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