राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पटेल नगर स्थित आसरा गृह में फूड प्वाइजनिंग से तीन लड़कियों की मौत पर खुद से संज्ञान लिया है। इसके बाद आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में आयोग का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7 से 11 नंबर के बीच पटेल नगर इलाके में मानसिक रूप से बीमार और निराश्रित महिलाओं के लिए एक आश्रय गृह की तरह लड़कियां बीमार पड़ गई। इनमें से तीन की संदिग्ध फूड पॉइजनिंग के कारण मुक्त हो गई।
बताया गया की रात का खाना खाने के बाद लड़कियों ने उल्टी और दस्त की शिकायत की उसके बाद उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। कथित तौर पर आश्रय को बिहार सरकार के दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण निदेशालय द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। लड़कियों के वैध संरक्षक के रूप में आश्रय गृह के अधिकारी उचित देखभाल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं।
आयोग का कहना है की रिपोर्ट बताता है की पीड़ित के स्वास्थ्य की स्थिति भी सही नहीं है। आयोग यह भी जानना चाहेगा कि क्या प्रशासन द्वारा पीड़ित को या उनके परिवारों को कोई मुआवजा दिया गया? यही नहीं 14 नवंबर 2024 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आश्रम गृह के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया क्यों वहां रहने वाले लोग स्वच्छ परिस्थितियों में नहीं रह रहे थे। आश्रय गृह में खाना बनाने में भी उचित साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा था।
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