बिहार की चार सीटों पर उपचुनाव का प्रचार खत्म, विपक्ष की तीन सीट दांव पर, परसों मतदान
बिहार की चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार आज यानि 11 नवंबर को शाम 5 बजे थम गया। इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए के प्रत्याशियों के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया। वहीं महागठंधन के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाला।
परसों यानी 13 नवंबर को तरारी, इमामगंज, बेलागंज और रामगढ़ की सीटों पर वोटिंग है। इस उपचुनाव में भी कई राजनीतिक परिवारों की साख दांव पर है। हालांकि मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। महागठबंधन की ओर से आरजेडी 3 और भाकपा माले एक सीट पर लड़ रही है। वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी 2, जेडीयू और हम 1-1 सीट पर चुनावी मैदान में है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चारों सीटों पर चुनावी मैदान में है।
तरारी
आरा जिले की तरारी विधानसभा सीट से विधायक रहे भाकपा माले के सुदामा प्रसाद सांसद बन गए हैं। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद ये सीट खाली हुई है। महागठबंधन ने इस सीट पर सीपीआई माले के राजू यादव को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी प्रत्याशी विशाल प्रशांत हैं। जो पूर्व विधायक सुनील पांडेय के बेटे हैं। पहली बार चुनाव में कूदी प्रशांत किशोर की जनसुराज ने किरण देवी पर दांव लगाया है।
इमामगंज
गया की इमामगंज सीट हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी के सांसद बनने के बाद खाली हुई है। हालांकि एनडीए ने इस सीट पर जीतन मांझी की बहू दीपा मांझी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं महागठबंधन ने आरजेडी के रोशन कुमार मांझी को मैदान में उतारा है। पीके की जनसुराज ने डॉक्टर जितेंद्र कुमार को टिकट दिया है।
रामगढ़
कैमूर जिले की रामगढ़ सीट आरजेडी नेता सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। इस सीट पर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बेटे और सुधाकर सिंह के छोटे भाई अजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह मैदान में है। 2015 के विधानसभा चुनाव में अशोक कुमार ने जीत हासिल की थी। लेकिन 2020 में हार का सामना करना था। बीजेपी ने एक बार फिर उन पर दांव लगाया है। इस सीट पर बीएसपी भी टक्कर में है। मायावती की पार्टी की ओर से सतीश कुमार यादव मैदान हैं। वहीं जनसुराज पार्टी ने सुशील कुमार कुशवाहा को कैंडिडेट बनाया है।
बेलागंज
गया जिले की बेलागंज विधानसभा सीट आरजेडी के सुरेंद्र यादव के जहानाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। इस सीट पर महागठबंधन की ओर राजद ने सुरेंद्र यादव के ही बेटे विश्ननाथ यादव पर दांव लगाया है। सुरेंद्र यादव 1990 से लेकर 2020 तक लगातार विधायक बने रहे। वहीं एनडीए की ओर से जेडीयू की मनोरमा देवी प्रत्याशी हैं। प्रशांत किशोर की जनसुराज ने मोहम्मद अमजद को प्रत्याशी बनाया है।
आपको बता दें जिन चार सीटों पर चुनाव हो रहा है। उसमें से तीन सीटों पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। 2020 के चुनाव में बेलागंज और रामगढ़ सीट आरजेडी ने जीती थी। जबकि तरारी की सीट माकपा माले ने जीती थी। ऐसे में एनडीए की नजर इन तीनों सीटो को जीतने पर है।