समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

एक चुनावकर्मी ने रोज 10 प्लेट भोजन डकारा, नाश्ता-पानी और चाय पर 18 करोड़ खर्च; बिहार में गजब घोटाला

बिहार में एक अनोखा घोटाला सामने आया है. लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में एक चुनावकर्मी पर रोजाना 10 प्लेट खाने का खर्च दिखाया गया है. इतना ही नहीं इनके नाश्ता-पानी और चाय का बिल भी 18 करोड़ का है. यह बात तब सामने आयी जब लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में खर्च के हिसाब-किताब का ब्योरा सरकार के पास आया.

भोजन-नाश्ता आदि की आपूर्ति करनेवाली एजेंसियों ने पटना जिला प्रशासन को जो विपत्र सौंपा है, उसके अनुसार एक चुनावकर्मी ने हर रोज औसतन 10 प्लेट भोजन किया है. चुनाव में पटना जिले में करीब 20 हजार कर्मियों की ड्यूटी लगी थी. एजेंसियों ने जो विपत्र सौंपा है, उसके अनुसार भोजन, नाश्ता, पानी और चाय पर 18 करोड़ रुपए खर्च हुए है, लेकिन जब प्रशासन ने इसकी जांच कराई गई तो पता चला कि भोजन पर 2.49 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

IMG 20231027 WA0021

बिल विपत्र में बड़े पैमाने पर हुआ फर्जीवाड़ा

पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर एडीएम आपूर्ति के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने इस मामले की जांच की है. चुनाव के दौरान भोजन-नाश्ता आदि की तीन कंपनियों ने आपूर्ति की थी. जांच करनेवाले अधिकारियों की मानें तो मूल बिल विपत्र से लगभग 10 गुना अधिक खर्च का ब्योरा दिया गया है. कंपनियों ने दावा किया कि 18 करोड़ खर्च हुए हैं, लेकिन जब जांच टीम ने बिल विपत्रों और चुनाव कार्यस्थल का ब्योरा लिया, तो भौंचक रह गए. कंपनियों के विपत्र के अनुसार एक चुनावकर्मी को 10 प्लेट हर रोज भोजन कराया गया है. गहराई से इसकी छानबीन की गई तो पता चला कि बिल विपत्र में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है.

IMG 20241026 WA0019IMG 20230604 105636 460

हर पुलिसकर्मी के लिए एक पंखा की व्यवस्था

बिल विपत्रों की जांच में एक और चौकानेवाला तथ्य सामने आया है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के अनुसार जांच अधिकारियों ने यह पाया है कि जहां पुलिसकर्मी का आवासन स्थल था, वहां एक हॉल में 100 के बैठने की व्यवस्था की गई थी. ऐसे हॉल में 80 से 90 पंखे और बल्ब लगाने का दावा कर बिल दिया गया है. इसमें भी जांच करनेवाले अधिकारियों को गड़बडी की आशंका हुई. इसके बाद संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सहायक निर्वाचन अधिकारियों को पटना बुलाकर बिल विपत्रों की जांच कराई गई. उसके बाद पता चला कि चुनाव के दौरान जहां पुलिसवाले ठहरे हुए थे वहां इतनी संख्या में पंखा और बल्ब लगाया ही नहीं जा सकता था. इसके बाद कंपनियों की ओर से दिए गए बिल विपत्रों का सही तरीके से सत्यापन कर शेष बिल को फर्जी घोषित कर दिया गया है.

IMG 20240904 WA0139Dr Chandramani Roy Flex page 0001 1 1 scaledSamastipur Town AdvIMG 20240414 WA0005IMG 20230818 WA0018 02