बिहार खेल विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बने पूर्व IAS शिशिर सिन्हा, कहा-खिलाड़ियों को मिलेगी वर्ल्ड क्लास सुविधा
पूर्व आईएएस शिशिर सिन्हा बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर के पहले कुलपति होंगे। खेल विभाग ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। बिहार खेल विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 11 (पांच) में निर्धारित प्रावधान के तहत उन्हें यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है। राज्य सरकार ने 16 जुलाई 2021 को खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को स्वीकृति दी थी। 1982 बैच के आईएएस अधिकारी श्री सिन्हा इसके पहले बीपीएससी और बिहार विद्युत विनियानक आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। राज्य के विकास आयुक्त रहते उन्होंने वीआरएस लिया था। इसके पूर्व कई महत्वपूर्ण विभागों में उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
शिशिर सिंह ने कहा है कि आने वाले दिनों में बिहार खेल हब बनेगा। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बिहार में विश्वस्तर की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं होंगी। इस विश्वविद्यालय के चांसलर मुख्यमंत्री हैं, लिहाजा उनके दिशा-निर्देश पर उनके सपनों को पूरा करेंगे। खिलाड़ियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण देना, उनके लिए नयी तकनीक उपलब्ध करवाना यह सब अब साकार होगा। बिहार में खेल और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री बेहद गंभीर हैं और वे उनके मानक पर खड़ा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।
पूर्व आईएएस शिशिर सिन्हा बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर के पहले कुलपति होंगे। खेल विभाग ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। बिहार खेल विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 11 (पांच) में निर्धारित प्रावधान के तहत उन्हें यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है। राज्य सरकार ने 16 जुलाई 2021 को खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को स्वीकृति दी थी। 1982 बैच के आईएएस अधिकारी श्री सिन्हा इसके पहले बीपीएससी और बिहार विद्युत विनियानक आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। राज्य के विकास आयुक्त रहते उन्होंने वीआरएस लिया था। इसके पूर्व कई महत्वपूर्ण विभागों में उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
इस मौके पर शिशिर सिंह ने कहा है कि आने वाले दिनों में बिहार खेल हब बनेगा। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बिहार में विश्वस्तर की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं होंगी। इस विश्वविद्यालय के चांसलर मुख्यमंत्री हैं, लिहाजा उनके दिशा-निर्देश पर उनके सपनों को पूरा करेंगे। खिलाड़ियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण देना, उनके लिए नयी तकनीक उपलब्ध करवाना यह सब अब साकार होगा। बिहार में खेल और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री बेहद गंभीर हैं और वे उनके मानक पर खड़ा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर 29 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की पहली खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया, जो राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर का हिस्सा है। अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर में एक साथ 24 खेल विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस विश्वविद्यालय का प्राथमिक उद्देश्य शारीरिक शिक्षा, खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबंधन, खेल प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। यह विश्वविद्यालय खेलों के लिए एक उच्चस्तरीय अनुसंधान तथा प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में कार्य करेगा।