जहां पति का हुआ अंतिम संस्कार वहीं शारदा सिन्हा की अंत्येष्टि, गुलबी घाट पर बेटे ने दी मुखाग्नि
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लोक गायिका शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन हो गईं। गुरुवार को दिन के 10.30 बजे गुलबी घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर घर के सदस्यों के अलावा उनके चाहने वाले बड़ी संख्या में उपस्थित थे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और पूर्व सांसद रामकृपाल यादव भी घाट पर मौजूद रहे।
लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन मंगलवार की रात दिल्ली एम्स में हो गया था। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया। एयरपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और मंत्री महेश्वर हजारी समेत अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कराने की घोषणा की थी।
जहां पति का अंतिम संस्कार हुआ वहीं पंचतत्व में विलीन हुईं
शारदा सिन्हा की इच्छा थी कि जहां उनके पति का अंतिम संस्कार हुआ वहीं उन्हें भी अंतिम विदाई दी जाए। इी वजह से उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर हुआ। गुलबी घाट पर पहुंचने से पहले शाव यात्री निकाली गई। राजेन्द्र नगर स्थित उनके आवास से गुलबी घाट तक शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
घर से निकली शव यात्रा
शारदा सिन्हा की शव यात्रा राजेंद्र नगर स्थित उनके घर से निकली। इस शव यात्रा को उनके रिश्तेदारों ने कंधा दिया। इस दौरान वहां उनके प्रशंसक भी मौजूद रहे। शव यात्रा के वक्त शारदा सिन्हा अमर रहें और छठी मइया जय का उद्घोष किया गया। शारदा सिन्हा को अंतिम विदाई देने के लिए कई लोग मौजूद थे।
छठ गीतों के लिए जानी जाती थीं, छठ में ही हुआ निधन
शारदा सिन्हा भले इस दुनिया से चली गईं लेनिक आज भी उनकी आवाज घरों से लेकर घाटों तक गूंज रही है। लोक गायिका को छठ गीतों के लिए जाना जाता था। उनका निधन भी चार दिवसीय छठ के पहले दिन मंगलवार को हुआ। वहीं अंतिम संस्कार जब गुलबी घाट पर हुआ उसके कुछ घंटे बाद ही गंगा किनारे लाखों व्रती और श्रद्धालु भगवान भास्कर को संध्या अर्घ्य देने जुटेंगे।
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