आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 638 करोड़ 37 लाख की लागत से 6659 खेल मैदान के निर्माण का शुभारंभ करेंगे. ग्रामीण विकास विभाग 533 प्रखंडों के 5671 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण करेगा. ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत सभी खेल मैदान का निर्माण करेगा. कैबिनेट में पहले ही इसके लिए मंजूरी दे दी गयी है.
सीएम करेंगे निर्माण कार्य का शुरुआत:
मुख्यमंत्री आवास के संकल्प में इसके लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है और सभी जिले के डीएम, डीडीसी, ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक और मनरेगा के डीपीओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे. मुख्यमंत्री आवास में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के साथ ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार और सभी आलाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
खेल मैदान सहित कई सुविधा का विकास:
बिहार में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर मनरेगा के तहत खेल मैदान का निर्माण किया जा रहा है. इसमें खिलाड़ियों के दौड़ने के लिए ट्रैक, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल के कोर्ट फुटबॉल के लिए गोल पोस्ट भी इसी योजना से तैयार किए जाएंगे. साथ ही ऊंची कूद, लंबी कूद, खो-खो और कबड्डी के लिए भी जरूरी इंतजाम किए जाएंगे.
खेल मैदान विकसित करने की योजना:
खेल विभाग खेल मैदान के लिए स्कूल के बाहर की जमीन कई स्थानों पर चिह्नित की है तो वहीं पंचायत विभाग से भी खेल मैदान के लिए जमीन की जानकारी ली गई है. मनरेगा के तहत खेल के मैदान को विकसित करने की योजना गया के मॉडल पर आधारित है. गया में मनरेगा के तहत 19 प्रखंडों में खेल मैदान विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है. कई मैदान तैयार भी हुए हैं और उसी के आधार पर बिहार सरकार ने पूरे बिहार में खेल मैदान विकसित करने का फैसला लिया है.
दो चरणों में पूरा होगा काम:
मनरेगा से दो चरणों में काम पूरा किया जाएगा. पहले चरण में खेल मैदान तैयार कर उस पर ट्रैक और कोर्ट आदि बनाए जाएंगे और कार्य पूरा किए जाने के बाद वहां पर मनरेगा के तहत ही लोगों के बैठने की सुविधा के लिए गैलरी बनाई जाएगी और कुर्सियां लगाई जाएगी. साथ ही खिलाड़ियों के कपड़े बदलने के लिए कमरे और स्टोर रूम भी बनाए जाएंगे और मानक के आधार पर ही सब काम होंगे.
2025 में खेल मैदान बनाने का लक्ष्य:
खेल मैदान के निर्माण की योजना अगले साल 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. बिहार सरकार खेल के विकास के लिए पिछले कुछ वर्षों से लगातार काम कर रही है. मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना की भी खूब चर्चा हो रही है और अभी हाल ही में राजगीर में बिहार के पहले खेल विश्वविद्यालय और स्पोर्ट्स अकादमी की भी स्थापना की गई है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का भी निर्माण किया गया है.
खेलों पर नीतीश सरकार का फोकस:
महिला एशियाई हॉकी चैंपियनशिप पहली बार बिहार में राजगीर में ही आयोजित किया गया तो लगातार खेल के विकास को लेकर नीतीश सरकार की ओर से पहल हो रही है. उसी के तहत मनरेगा के माध्यम से सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है कि अब हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक खेल मैदान विकसित किया जाएगा.
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