पटना की हाईकोर्ट ने एक्साइज डिपार्टमेंट द्वारा अवैध तरीके से जब्त की गई एक वाहन के मामले में याचिकाकर्ता को 9 लाख रुपये का मुआवजा और 25 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च देने का आदेश दिया है. पटना हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट का आदेश उस वक्त आया जब याचिकाकर्ता ने उत्पाद विभाग द्वारा की गई जब्ती को अदालत में चुनौती दी.
पटना हाईकोर्ट से उत्पाद विभाग को झटका:
बुधवार को पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बजन्थरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कारू सिंह उर्फ श्याम सुंदर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. वरीय अधिवक्ता अंशुल ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए कहा कि उत्पाद विभाग ने वाहन को उत्पाद कानून के उल्लंघन के संदेह में जब्त कर लिया, जबकि जब्ती का मूल आधार ही अनुपस्थित है.
कोर्ट ने जब्ती को अनुचित बताया:
वाहन मालिक याचिकाकर्ता ने इस जब्ती को चुनौती के लिए पुनर्विचार और अपील की. हालांकि, पुनर्विचार और अपील दोनों खारिज कर दी गई. मामला अंतिम निर्णय के लिए पटना हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया. पटना हाईकोर्ट ने मामले के तथ्यों पर विचार किया. जिसमें शराब की गैर बरामदगी और वाहन जब्त करना उत्पाद विभाग के द्वारा अनुचित होने की बात शामिल थी.
कोर्ट ने दिया मुआवजा का आदेश:
कोर्ट ने बताया कि यह निर्णय इस सिद्धांत को दर्शाता है कि जब्ती उचित होनी चाहिए और अधिकारियों द्वारा की गई अनुचित कार्रवाई के कारण हुए नुकसान के लिए याचिकार्ता को मुआवजा दिया जाना चाहिए. उत्पाद विभाग को जब्त वाहन से कोई शराब और न ही कोई अवैध सामग्री बरामद हुई थी.
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