बाहुबली नेता अनंत सिंह पर जानलेवा हमला, 60-70 राउंड फायरिंग हुई; सोनू-मोनू गैंग का नाम सामने आया
पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह पर बुधवार देर शाम जानलेवा हमला हुआ है। गैंगस्टर सोनू-मोनू ने 60 से 70 राउंड फायरिंग की। जवाब में अनंत सिंह के समर्थकों ने भी गोली चलाई। हालांकि हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। अनंत सिंह मोकामा विधानसभा क्षेत्र के नौरंगा गांव के दौरे पर थे। तभी हमला हुआ।
दो दिन पहले गिरोह के लोगों ने अपने बकाया पैसे मांगने पर गांव के एक व्यक्ति को जमकर पीटा था। उसे घर से बाहर करके ताला लगा दिया था। अनंत सिंह सोमवार को इसी मामले में पंचायती कराने गए थे। इस दौरान अनंत सिंह ने सोनू-मोनू से कहा कि, जिस व्यक्ति को पीटा है, उसके घर का ताला खोल दो। लेकिन वे नहीं माने।
इसके बाद अनंत सिंह बुधवार देर शाम अपने समर्थकों के साथ फिर से नौरंगा गांव में विवाद सुलझाने पहुंचे। उन्हें देखते ही गैंगस्टर भाइयों सोनू-मोनू ने फायरिंग शुरू कर दी।
गोलीबारी में अनंत सिंह बाल-बाल बचे। घटना के बाद दोनों फरार हो गए हैं। इलाके में तनाव का माहौल है। नौरंगा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग मौके पर हैं।
सोनू-मोनू पर मर्डर सहित 12 से ज्यादा मामले दर्ज
जलालपुर गांव के रहने वाले सोनू-मोनू इलाके के कुख्यात अपराधी हैं। इन पर मर्डर,अपहरण और फिरौती समेत 12 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। ये यूपी के बाहुबली रहे मुख्तार अंसारी की टीम का हिस्सा रह चुका है। मोकामा में अनंत सिंह के साथ इसकी पुरानी अदावत रही है।
2009 के बाद गांव में ही दरबार लगाने लगे
साल 2009 में ट्रेन में लूटपाट के बाद वकील के बेटे सोनू-मोनू का गांव में ही दरबार लगने लगा। दोनों भाइयों के पास ऐसे लोग आने लगे, जिनकी समस्या विभागीय अधिकारी दूर नहीं कर पाते थे। ऐसे लोग सोनू-मोनू के दरबार में सुबह से कतार में खड़े रहते हैं।
दोनों भाइयों का मोकामा प्रखंड और अंचल कार्यालय के अधिकारियों व कर्मियों पर ऐसा खौफ है कि फोन पर आवाज सुनते ही समस्या का समाधान हो जाता है। लोगों की नजर में दोनों हीरो बन गए लेकिन पर्दे के पीछे रंगदारी से लेकर लूटपाट और सुपारी लेकर मर्डर करना दूसरा पेशा बन गया।
ट्रेन में लूट से क्राइम में आए
दोनों के खिलाफ मोकामा जीआरपी में कई मामले दर्ज हैं। सभी ट्रेन में लूटपाट से संबधित हैं। पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र में हथियार बरामदगी मामले में मोनू बेउर जेल में भी कई महीनों तक सजा काट चुका है।
झारखंड से लेकर लखीसराय जिले के कई थाना क्षेत्रों में उस पर एक दर्जन से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। दोनों भाई बड़े से बड़े अपराध इतनी सफाई से अंजाम देते रहे हैं कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाती थी। वकील पिता के संरक्षण में वह आराम से कोर्ट से बरी भी होते चले गए।
बता दें कि 14 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने AK-47 और आवास से बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने के केस में उन्हें बरी कर दिया था। पूर्व विधायक के खिलाफ अब एक भी केस पेंडिंग नहीं है। 16 अगस्त को अनंत सिंह जेल से बाहर आए थे।