मुजफ्फरपुर स्वाधार गृह कांड में बृजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन बरी; सबूत के बिना छूटे आरोपी
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सजा काट रहे मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन को स्वाधार गृह कांड मे कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। स्वाधार गृह मामले में गुरुवार को तिहाड़ जेल से ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा की पेशी विशेष एससी एसटी कोर्ट में कराई गई।
साक्ष्य के अभाव में बरी
न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने निर्णय पर सुनवाई करते हुए साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। एससी- एसटी कोर्ट में फैसले के बाद ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा को वापस दिल्ली के तिहाड़ जेल ले जाया गया है।
आपको बता देंसमाज कल्याण विभाग ने ब्रजेश ठाकुर की एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति को बालिका गृह के अलावा स्वाधार गृह को भी संचालित करने के लिए दिया था। वर्ष 2018 में जब बालिका गृह कांड का खुलासा हुआ तो मुख्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने स्वाधार गृह का भी सत्यापन कराया। स्वाधार गृह में टीम जब सत्यापन के लिए पहुंची तो उसमें रह रहीं 11 लावारिस महिलाएं और उनके चार बच्चे का कहीं कोई अतापता नहीं चला। गृह में ताले लटके हुए थे।
तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश शर्मा ने सभी महिलाएं और उनके बच्चों को गायब करने के आरोप में महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें सेवा संकल्प एवं विकास समिति के अधिकारियों को आरोपित बनाया था। पुलिस की जांच में इसमें ब्रजेश ठाकुर, साइस्ता परवीन समेत चार लोगों की संलिप्तता पाई गई थी।