धनकुबेर DEO की कैशलीला…सप्लायर्स भी खूब ‘आनंद’ में रहे, साइंस सामाग्री से लेकर बेंच-डेस्क में माल कमा पटना-दिल्ली में बनाई संपत्ति
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बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रहे रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों पर 3.6 करोड़ कैश मिलने के बाद पूरे बिहार में चर्चा शुरू हो गई है। आखिर इतना नकद कहां से आया ? डीईओ के पास इतना कैश तो इनके खास सप्लायर्स के पास भी अकूत संपत्ति होगी। जानकार बताते हैं कि इनके कार्यकाल में मोतिहारी के एक सप्लायर ने खूब ‘आनंद’ लिया। यानि सरकारी स्कूलों में सप्लाई के नाम पर जमकर माल बनाया। बताया जाता है कि बेतिया के शिक्षा अधिकारी के खास सप्लायर ने अपने हाकिम की कमाई तो कराया ही, खुद भी खूब पैसा कमाया।
सरकारी राशि का बंदरबांट..सप्लायर्स आनंद में रहे
बता दें, हाल के वर्षों में शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में ‘साईंस लैब’ में सामाग्री की उपलब्धता को लेकर बड़ी राशि भेजी थी। विभाग के जानकार बताते हैं कि इस राशि का 50 फीसदी से अधिक का बंदरबांट हो गया। यानि अधिकारी से लेकर सप्लायर ने मिल बांटकर खाया। बेतिया में भी यह खेल जबरदस्त हुआ। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मोतिहारी के एक सप्लायर जिसके फर्म का नाम चंपारण ##### है, साहब से मिलकर सरकारी पैसे का बंदरबाट करा लिया। मोतिहारी में भी बड़ा खेल किया गया। इस जिले में भी शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर सप्लायर्स तक ‘आनंद’ में रहे।
भारी गड़बड़ी की शिकायत हुई, लेकिन जांच के नाम पर मामले को दबा लिया गया। बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रहे रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों से मिली अकूत संपत्ति के बाद अब यह मांग उठने लगी है कि बेतिया-मोतिहारी के कई सप्लायर्स की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए। बताया जाता है कि हाल के वर्षों में सप्लायर्स ने अफसरों से मिलकर सरकारी राशि से अपनी तिजोरी भरी है। पटना से लेकर दिल्ली तक में संपत्ति अर्जित कर ‘आनंद’ में हैं।
23 जनवरी को बेतिया डीईओ के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
विशेष निगरानी इकाई ने 23 जनवरी को भ्रष्ट डीईओ रजनीकांत प्रवीण के बेतिया से लेकर दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर के कई ठिकानों पर रेड किया। विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी में जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों से 3 करोड़ 60 लाख नकदी मिले हैं। जमीन-जायदाद की बात छोड़ दीजिए। यह तो सिर्फ एक डीईओ की बात हुई, ‘प्रवीण’ के ठिकानों पर नोटों की गड्डी मिलने के बाद चर्चा शुरू है कि ये तो छोटी मछली हैं, बड़ी मछली पर कार्रवाई तो हुई ही नहीं। हाल के समय में सूबे में कम से कम पांच ऐसे डीईओ रहे, जिन्होंने बिना डर-भय के अकूत संपत्ति अर्जित की है। ये सभी पूर्व एसीएस के समय से ही जिलों में शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थापित रहे।
कमीशन खाकर पेट भर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधारने, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने को लेकर सरकार ने खजाना खोल दिया है। सरकारी स्कूलों में संसाधन बढ़ाने को लेकर अरबों रू भेजे गए। बेंच-डेस्क से लेकर बिल्डिंग की मरम्मति व अन्य कार्यों के लिए जो राशि भेजी गई, जिलों में बैठे अधिकारी ठेकेदारों से मेल कर अपना पेट भऱने लगे। भ्रष्टाचार के इस खेल में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दिखावे के लिए कार्रवाई भी हुई, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। लिहाजा अधिकांश जिलों में सरकारी राशि का बंदरबांट कर लिया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर कमीशन खाकर पेट भर लिया। कहा जाता है कि हाल के 1-2 वर्षों में एक-एक अधिकारियों ने इतनी कमाई की, जितना कई वर्षों में नहीं किया होगा। बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण का उदाहरण दिया जा रहा है।
सुशासन राज में भ्रष्टाचार के प्रतीक बने ‘प्रवीण’
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के केस में बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) रहे रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों से कुल तीन करोड़ 56 लाख 22 हजार रुपये नकद मिले हैं। डीईओ के पत्नी सुषमा कुमारी के दरभंगा स्थित आवास से ही तीन करोड़ 60 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं। वहीं, डीईओ के बेतिया आवास से 55 लाख 62 हजार रुपये नकद मिला है। इसके अलावे लाखों के गहने, कई शहरों में जमीन के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बता दें, विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गुरुवार (23 जनवरी) को डीईओ के बेतिया, दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर समेत छह स्थानों पर एक साथ छापा मारा था।