हिंदू को बना दिया मुसलमान, मुस्लिम को बनाया हिंदू; एक DL नंबर पर तीन लोगों का लाइसेंस बनाया, DTO और डेटा ऑपरेटर के साथ प्रोग्रामर पर गिरी गाज
दरभंगा परिवहन कार्यालय से फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बनाये जाने के मामले में परिवहन विभाग के सचिव ने दरभंगा के डीएम राजीव रौशन को कार्रवाई का निर्देश दिया है। कहा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले तत्कालीन डीटीओ शशि शेखरण और प्रभारी लिपिक कुमार गौरव के खिलाफ प्रपत्र ‘क ‘ गठित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। जबकि इसी मामले में तत्कालीन डाटा ऑपरेटर रूपेश कुमार और प्रोग्रामर विक्रमजीत प्रताप की सेवा बेल्ट्रोन को वापस करने का निर्देश दिया है।
लोक शिकायत निवारण केंद्र गुहार लगाई थी
बताया जा रहा है कि तत्कालीन डीटीओ शशि शेखरण द्वारा मधुबनी में पदस्थापित रहने के दौरान दरभंगा परिवहन कार्यालय से एक ही ड्राइविंग लाइसेंस नम्बर पर तीन लोगों का लाइसेंस निर्गत करने का मामला सामने आया था। इस ड्राइविंग लाइसेंस को निर्गत करने में जाति और धर्म कुछ भी नहीं देखते हुए लाइसेंस निर्गत कर दिया गया था।
इस मामले ने काफी तूल तब पकड़ा जब दरभंगा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राशिद खान द्वारा इस मामले को लोक शिकायत निवारण केंद्र गुहार लगाई थी। इसके बाद जब जांच शुरू हुई तो ड्राइविंग लाइसेंस को बनाने के दौरान न तो उम्र का ख्याल रखा गया न ही जन्मतिथि और न ही पिता के नाम ही ख्याल रखा गया था। एक ही लाइसेंस नम्बर पर बिहार, झारखंड, सहित अन्य राज्यों के लोगों के नाम से लाइसेंस बना दिया गया।
फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया गया था
मामला तूल पकड़ा तो दरभंगा के डीएम के निर्देश पर जांच करवाई गई। इसके बाद डीटीओ ने 13 अगस्त 2024 के तहत गठित रिपोर्ट दिया तो बड़ा खुलासा हुआ। जांच समिति में अपर जिला परिवहन पदाधिकारी (एडीटीओ) स्नेहा अग्रवाल, मोटरयान निरीक्षक सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी और सतीश कुमार के अलावा प्रोग्रामर सोनी कुमारी शामिल थे।
इस मामले के लिए गठित टीम ने जांच में पाया कि तत्कालीन डीटीओ शशि शेखराम ने मधुबनी में बैठकर दरभंगा जिला से ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया। इस मामले में एक ही लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल कर बिहार सहित अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में अलग-अलग लोगों के नाम, जन्मतिथि और उनके पते के साथ फर्जी लाइसेंस जारी किए गए हैं। इतना ही रहता तो कोई बात नहीं यहां इतने बड़े भ्रष्टाचार में यह धर्म का भी ख्याल नहीं रखा गया। हिन्दू व्यक्ति मुस्लिम बताया गया है और मुस्लिम को हिन्दू बताते हुए ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया गया है।