बिहार: मुंह से शराब की बदबू… लड़खड़ा रहे थे पैर, नशे में झंडा फहराने पहुंच गए गुरु जी; स्कूल में मच गया बवाल
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से गणतंत्र दिवस पर एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने शराबबंदी की हकीकत को बेनकाब कर दिया. जिले की एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर खुद शराब के नशे में धुत होकर स्कूल में झंडा फहराने चले गए. हेडमास्टर साहब की स्थिति ये रही कि ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे और बोलने में परेशानी हो रही थी. उसके बाद जब ग्रामीणों ने ये हालत देखी तो पुलिस को इसकी सूचना दे दी. पुलिस पहुंची और गिरफ्तार कर लिया.
शराब के नशे में हेडमास्टर गिरफ्तार:
पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय धर्मपुर पूर्वी का बताया जा रहा है. इस स्कूल के हेडमास्टर संजय कुमार सिंह को पुलिस ने शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया है. चार सालों से संजय कुमार सिंह इस स्कूल के हेडमास्टर हैं. 26 जनवरी के दिन स्कूल में झंडा फहराने के लिए पहुंचे थे.
स्कूल में बवाल:
शराब के नशे में हेडमास्टर साहब की इस स्थिति को देखकर स्कूल के शिक्षक और छात्र चौंक गए. स्थानीय लोगों ने जब नशे में लड़खड़ाते देखा तो हेडमास्टर के नशे की जानकारी स्थानीय थाना रामपुर हरि थाना को सूचना दिए. पुलिस कार्रवाई करते हुए राजकीय मध्य विद्यालय धर्मपुर पूर्वी मीनापुर मुजफ्फरपुर के प्रिंसिपल संजय कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.
नशे में झंडोत्तोलन करने पहुंचे थे स्कूल:
इस मामले में विधायक मुन्ना यादव ने भी इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि इस घटना ने शराबबंदी के मुद्दे को एक बार फिर से लोगों के सामने लाकर रख दिया है. यह घटना न केवल शिक्षा जगत के लिए शर्मनाक है, बल्कि शराबबंदी पर उठ रहे सवालों का भी जवाब देती है. ऐसे में यह जरूरी है कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव आ सके.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी:
बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. महिलाओं की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी प्रदेश में लागू की थी. इसको लेकर कई बार विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष भी सवाल उठा चुका है. वहीं शराबबंदी कानून को नीतीश कुमार किसी भी कीमत पर वापस लेने को तैयार नही हैं. इस कानून के तहत शराब पीना पिलाना या बेचना अपराधी है और इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है.