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डीईओ रजनीकांत के ससुराल में रहा सन्नाटा, बेतिया ऑफिस में भी सन्नाटा जैसा माहौल रहा

पश्चिम चंपारण जिला शिक्षा पदाधिकारी रहे रजनीकांत प्रवीण की क्रियाकलापों पर एसयूवी की टीम द्वारा पहले से ही नजर रखी जा रही थी। कुछ सप्ताह पहले से ही विभाग के अधिकारी उनके घर से लेकर कार्यालय तक किया कामकाज पर नजर बनाए हुए थे। वहीं समस्तीपुर स्थित ससुराल में दूसरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों इंटर परीक्षा को लेकर हुई केंद्र अधीक्षकों की बैठक के दौरान भी टीम के सदस्य देखे गए थे लेकिन किसी को इसकी जानकारी नहीं थी कि यही टीम के सदस्य उनके यहां छापेमारी करेंगे।

सूत्र बताते हैं कि लेनदेन से लेकर तमाम तरह की विभागीय गतिविधियों पर उनकी नजर थी। टीम के सदस्य इस मौके के इंतजार में थे कि जैसे ही सही वक्त मिले छापेमारी को शुरू कर दी जाए। यहां तक कि उनके करीबी रहे लिपिक पर भी उनकी नजर थी। वह लिपिक कभी भी कार्यालय में दिखाई नहीं दे रहे हैं। छापेमारी के दिन एक लिपिक के घर पर ताला जड़ा हुआ था।

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दूसरे दिन भी डीईओ कार्यालय में रहा सन्नाटा:

विजिलेंस की कार्रवाई के एक दिन बाद शुक्रवार को भी डीईओ कार्यालय में सन्नाटा जैसा माहौल रहा। करीब दो दर्जन के आसपास कर्मी कार्यालय में पहुंचे हुए थे। वे अपने कार्यों में मशगूल कम, अधिक चर्चा डीईओ पर कार्रवाई की हो रही थी। जब कोई अजनबी कार्यालय में प्रवेश कर रहा था तो वे चुप हो जा रहे थे। अभी भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कार्यालय में कर्मी विजिलेंस की कार्रवाई से सहमें हैं। हालांकि कई कर्मियों की ड्यूटी डीआरसी में लगी है, जो बीपीएससी उत्तीर्ण टीआई- तीन के काउंसिलिंग में है। कार्यालय में डीपीओ मनीष कुृमार सिंह, कुमार अनुभव, कुणाल गौरव एवं गार्गी कुमारी मौजूद थे। वे वीसी में व्यस्त थे। वहीं दूसरे दिन भी कार्यालय के कई कर्मियों का मोबाइल आफ रहा। कई के घर पर ताला भी लटका हुआ था। हालांकि एक कर्मी अंजनी कुमार के संबंध में तो वाल्मीकिनगर के विधायक धीरेंद्र प्राताप सिंह ने खुलकर नाम लेकर शिकायत की है। विजिलेंस की टीम उस कर्मी के आवास पर गई भी थी। लेकिन वे मिले नहीं।

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शिक्षक नेताओं ने भी जारी की प्रतिक्रिया:

जिला शिक्षा पदाधिकारी रहे रजनीकांत प्रवीण के निलंबन के बाद विभिन्न शिक्षक नेताओं ने भी अपने प्रतिक्रिया जाहिर की है। शिक्षक एकता के संयोजक विपिन प्रसाद ने कहा कि शिक्षक उनसे काफी त्रस्त थे। अब जाकर वे रिलीफ महसूस कर रहे हैं। इधर,प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नर्वोदय ठाकुर ने कहा कि उनके घर भारी मात्रा में अकूत संपत्ति का अर्जन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे समाज कलंकित होता है। टीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष राहुल राज ने कहा कि तीन साल के सेवाकाल में कोई भी शिक्षक अधिकारी और उनके कार्यकाल से खुश नहीं थे। पूरे बिहार में शिक्षकों का सबसे ज्यादा वेतन कटौती, स्पष्टीकरण और निलंबन पश्चिम चंपारण जिले में ही हुआ है चाहे वो ई- शिक्षा कोष के नाम पर वेतन कटौती से सभी परेशान थे।

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