राजभवन में तेजस्वी को देखकर मुस्कुराए CM नीतीश, कंधे पर फेरा हाथ; क्या है इसके मायने
बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। बिहार में भीषण ठंड के बीच सियासी तापमान पूरी तरह गर्म है। कयासों का दौर जारी है। हाल के दिनों में नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और बीजेपी से बढ़ी थोड़ी दूरी ने राजनीतिक पंडितों को चर्चा का एक मुद्दा दे दिया है। नीतीश कुमार दिल्ली जाते हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के परिजनों से मिलते हैं। उसके बाद पटना लौट आते हैं। इस दौरान वे एनडीए की बैठक में नहीं जाते। बीजेपी नेताओं से नहीं मिलते। मीडिया से दूरी बना लेते हैं। चुप्पी साध लेते हैं। उसके बाद बिहार में उनके पाला बदलने की संभावना पर चर्चा शुरू हो जाती है।
इसी चर्चा को बल देती एक तस्वीर बिहार के राजभवन से आई है। जहां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों पहुंचते हैं। शपथ ग्रहण के दौरान तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार एक दूसरे से मिलते हुए नजर आ रहे हैं। तेजस्वी यादव मुस्कुराते हुए हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। नीतीश कुमार उनके कंधे पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए नजर आ रहे हैं। तेजस्वी यादव की हाथ जोड़ने वाली मुद्रा बहुत कुछ कहती है। ये मुद्रा बता रही है कि तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार के प्रति रूख नरम है। उधर, नीतीश कुमार आह्लादित होकर तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ फेरते देखे जा रहे हैं।
बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है। इस तस्वीर के आईने में बिहार की सियासत को देखा जा सकता है। बिहार में इन दिनों लगातार ये खबर चल रही है कि नीतीश कुमार एक बार फिर आरजेडी के पाले में जा सकते हैं। हालांकि, जेडीयू और बीजेपी की तरफ से इसे सिरे से खारिज कर दिया जा रहा है। यहां तक कि ललन सिंह ने कहा है कि लालू यादव क्या बोलते हैं, वहीं जानें। उधर, बीती रात लालू यादव ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे लग रहा है कि बिहार की राजनीति में एक अलग पटकथा लिखी जा रही है।
लालू यादव का ऑफर
लालू यादव से जब यह सवाल किया गया कि- क्या नीतीश कुमार के लिए आपका दरवाजा खुला हुआ है ? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि – मेरा दरवाजा तो हमेशा खुला हुआ है, अब नीतीश कुमार को भी अपना दरवाजा खुला रखना चाहिए। लालू यादव का ये बयान साफ इशारा कर रहा है कि कहीं न कहीं कुछ खिचड़ी पक रही है। ऊपर से राजभवन वाली तस्वीर बहुत कुछ बयां करने के लिए काफी है। लालू ने यहां तक कहा कि माफ करना तो मेरा काम रहा है। इस बार भी कर देंगे। लालू यादव ने कहा कि वो खुद बार -बार चल जाते हैं। यदि आएंगे तो माफ़ कर देंगे, इसमें कोई बात नहीं है। सब लोग मिलकर काम करेंगे।
तेजस्वी का लालू पर बयान
जब तेजस्वी यादव को इस मुद्दे पर मीडिया ने घेर लिया, तब तेजस्वी यादव मुस्कुराते हुए कहते नजर आए कि पत्रकार लगातार कुछ न कुछ पूछ कर तंग करते हैं। इसलिए उन्होंने आप लोगों को ठंडा करने के लिए ये बयान दिया है। वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात वाली तस्वीर बहुत कुछ कह रही है। ऊपर से लालू यादव का बयान, नीतीश कुमार की चुप्पी। ये सब कुछ बिहार में नई राजनीतिक कहानी लिखने की ओर इशारा कर रहे हैं। भले तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव के बयान को कवर कर रहे हों। लेकिन सियासी आग कहीं न कहीं तो लगी हुई है।
क्या बोले नीतीश कुमार?
उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के ऑफर के सवाल पर गाल सहलाते हुए कहा कि क्या बोल रहे हैं, छोड़िए न। उधर, जेडीयू प्रमुख विजय कुमार चौधरी ने भी लालू यादव के ऑफर पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी पार्टी और बिहार एनडीए में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन नहीं है। पार्टी और सीएम दोनों पर स्टैंड साफ है। हम एनडीए में हैं और एनडीए में ही रहेंगे। राजनीतिक जानकारों की मानें, तो पूर्व में भी राजनीतिक बदलाव से ठीक पहले ऐसी ही बयानबाजी होती थी। अचानक सब कुछ चेंज हो गया था।