बजट घोषणा: अब किसानों को सब्जियों के मिलेंगे सही दाम, हर प्रखंड में खुलेंगे तरकारी सुधा आउटलेट
राज्य के सभी प्रखंडों में तरकारी सुधा आउटलेट खोले जाएंगे। बजट में इसकी घोषणा की गई है। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कॉम्फेड और वेजफेड संयुक्त रूप से तरकारी सुधा आउटलेट खोलेंगे। इससे राज्य के किसानों को सब्जी के उचित दाम मिलेंगे। सब्जी की बर्बादी नहीं होगी। इसके लिए प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति का प्रसार सभी प्रखंडों में किया जाएगा।
वर्तमान में राज्य के 302 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों (पीवीसीएस) का गठन हो चुका है। शेष प्रखंडों में इसकी कवायद चल रही है। पीवीसीएस को सब्जी सहकारी संघों से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में राज्य में बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन के तहत कुल तीन संघ हैं।
दलहन किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने अरहर, मूंग, उड़द आदि को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है। इसकी खरीद नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन(एनसीसीएफ) और नेफेड के जरिए होगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत वर्ष 2025-26 में कृषि के विकास के लिए बिहार मिलेट मिशन का गठन और आम, मशरूम, टमाटर, आलू, प्याज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा।
इसी तरह किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए आम, लीची, सहित अन्य पारंपरिक बागवानी, फसलों के विकास के साथ ही मखाना एवं मशरूम उत्पादन के लिए विशेष कार्यक्रमों का कार्यान्वयन किया जा रहा है। मखाना के क्षेत्र विस्तार के साथ ही मखाना भंडारण गृह की स्थापना अनुदानित दर पर की जा रही है। इन सबका किसानों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
राज्य में कृषि उत्पाद लगातार बढ़ रहा है। पहली बार बिहार में खरीफ मौसम में प्याज की खेती 500 हेक्टेयर में हुई। इसी प्रकार मशरूप उत्पादन योजना के कार्यान्वयन से इस क्षेत्र में बिहार देश में पहले स्थान पर पहुंच चुका है। शहद उत्पादन में चौथे स्थान पर है। गेहूं की उत्पादकता लगभग दोगुनी जबकि मक्का की ढाई गुनी हुई है। सब्जी व फलों की उत्पादकता भी काफी बढ़ी है।