‘बदलैन’ जमीन के लिए अब कागज की जरुरत नहीं, भूमि सर्वे के बीच नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला
बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है. रैयतों की सुविधा को देखते हुए विभाग लगातार कोई न कोई निर्देश जारी करता रहता है. इसी बीच भूमि सुधार विभाग ने एक और बड़ा फैसला लिया है. सर्वेक्षण के दौरान विभाग को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, उन समस्याओं के सामाधान के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.
मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व में किए गए बदलैन को भी अब आधार माना जाएगा. इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली 2025 की स्वीकृति दी गई है. सीएम नीतीश की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है.
कैबिनेट बैठक में 34 एजेंडों पर मुहर
बता दें, सीएम नीतीश ने आज कैबिनेट की बैठक की, जिसमें कुल 34 एजेंडों पर मुहर लगी. इनमें से एक बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली 2025 है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एजेंडा में बताया गया है कि बिहार में रैयती एवं अन्य प्रकार की भूमि का नया अधिकार खतियान एवं नक्शा बनाया जा रहा है.
सर्वेक्षण में पारदर्शिता जरूरी
भूमि के सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती के क्रम में यह महसूस किया गया है कि सर्वेक्षण में 100 फीसदी शुद्धता, पारदर्शिता और गतिशीलता सुनिश्चित करना जरूरी है. इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन नियमावली 2012 के अंतर्गत खानापूरी दल को अन्य तथ्यों के साथ-साथ मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व में किए गए बदलैन को भी आधार मानने संबंधी प्रावधान किया जाना उचित है. ऐसे में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन नियमावली 2025 की स्वीकृति दी जाती है.