19 साल बाद सावन में खास संयोग, 59 दिनों का होगा पवित्र महीना; सोमवारी के चार व्रत ही होंगे मान्य
इस वर्ष के सावन में 19 साल बाद अच्छा योग बन रहा है। मलमास के कारण इस बार सावन मास 59 दिनों का होगा। सावन में शश योग, गजकेसरी योग, बुध व शुक्र के संयोग से लक्ष्मी नारायण योग, सूर्य व बुध की युति से बुद्धित्य योग जैसे राजयोग का निर्माण हो रहा है।
यह व्यक्ति को सुख और शांति प्रदान करेगा। इस योग में महादेव की पूजा बहुत शुभ माना जाती है। चार जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। पहली सोमवारी 10 जुलाई को होगी। माना जा रहा है कि कई दुर्लभ योग के कारण इस बार सावन में जलाभिषेक को शिव मंदिरों में अधिक श्रद्धालु उमड़ेगे। मंदिरों की साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन शुरू हो गया है।
28 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा 17 जुलाई, तीसरा 24 जुलाई, चौथा 31 जुलाई, पांचवा 7 अगस्त, छठा 14 अगस्त, सातवां 21 अगस्त और आठवां सोमवार 28 अगस्त पड़ेगा। बजरंगबली चौक रजौली के ज्योतिषाचार्य शंभु पांडेय ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन 59 दिनों का होगा। सावन महीने में आठ सोमवार पड़ेंगे। 18 जुलाई को मलमास शुरू होगा जो 16 अगस्त तक रहेगा।
सावन सोमवार व्रत कब-कब है?
मलमास के कारण सोमवारी व्रत (Sawan Somwar Vrat Date) भी दो चरणों में होगा। पहला चरण 4 से 17 जुलाई तक होगा। दूसरा चरण 17 से 31 अगस्त तक होगा। ऐसे में 10 जुलाई, 17 जुलाई, 21 अगस्त और 28 अगस्त को ही सावन का सोमवारी व्रत किया जाएगा। मसमास में 18 जुलाई से 16 अगस्त के बीच में सोमवार का व्रत नहीं किया जाएगा।
31 अगस्त को खत्म होगा सावन का महीना
सावन मास 31 अगस्त को समाप्त होगा। इस बार सावन मलमास या पुरुषोत्तम मास की वजह से दो महीने का होगा। कई दुर्लभ योग भी सावन में बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए धर्म ग्रंथों में अनेक व्रत उपवास बताए गए हैं, लेकिन अनेक भक्त अलग-अलग वजहों से व्रत के धार्मिक विद्वानों का पालन नहीं कर पाते। सावन का महीना शिव का सबसे प्रिय माह माना गया है। इस पूरे माह में भोलेबाबा अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं।