हाल ही में इटली में 31 वर्षीय एक भारतीय मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई थी। अब इस मौत को लेकर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने दुख व्यक्त किया है। भारतीय मजदूर का हाथ कट गया था। लेकिन जिसके यहां वह काम करता था उसने इलाज कराने के बजाये उसे सड़क के किनारे फेंक दिया, जिससे उसकी दुखद मौत हो गई। पिछले सप्ताह हुई इस घटना ने इटली को झकझोर कर रख दिया है और प्रदर्शनकारियों ने उस नियोक्ता (employer) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आज, मेलोनी ने इतालवी संसद में इस मुद्दे को उठाया और मृतक मजदूर सतनाम सिंह के प्रति संवेदना व्यक्त की। रोम के निकट लाजियो में सब्जी के एक खेत में काम करते हुए सतनाम सिंह का हाथ भारी मशीन में आकर कट गया था।
मेलोनी ने सतनाम सिंह को “अमानवीय कृत्यों” का शिकार बताते हुए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी सजा देने की कसम खाई है। उन्होंने कहा, “ये अमानवीय कृत्य है। इतालवी लोग ऐसे नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बर्बरता के लिए कड़ी सजा दी जाएगी।” सतनाम सिंह पंजाब के रहने वाले थे। इटली मीडिया की खबर के मुताबिक, सिंह के नियोक्ता एंटोनेलो लोवेटो ने उन्हें और उनकी पत्नी को एक वैन में बिठाया और उनके घर के नजदीक सड़क किनारे छोड़ दिया।
एएनएसए समाचार एजेंसी ने घर के मालिक इलारियो पेपे के हवाले से खबर में बताया, ”हमने सिंह की पत्नी की चीखें सुनीं, जो मदद के लिए पुकार रही थी फिर हमने एक लड़के को देखा, जो उन्हें अपनी बाहों में उठाकर घर के अंदर ले गया।” उन्होंने बताया, ”हमें लगा कि वह उनकी मदद कर रहा है लेकिन फिर वह भी भाग गया।” पेपे ने कहा, ”मैं उसके पीछे भागा और मैंने उसे वैन में चढ़ते हुए देखा और मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ था और वह उसे अस्पताल क्यों नहीं ले गया।”
उन्होंने कहा, ”उसने (लड़के) जवाब दिया कि वह (सिंह) नियमित कर्मचारी के तौर पर पंजीकृत नहीं है।” कटे हुए हाथ को फलों के डिब्बे में रखा गया था। सतनाम सिंह को डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं मिला। उन्हें हवाई मार्ग से रोम के एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बुधवार को उनकी मौत हो गई। लोवेटो पर अब आपराधिक लापरवाही और हत्या का आरोप लगाते हुए मामले की जांच चल रही है।
मध्य इटली के लाजियो क्षेत्र में भारतीय समुदाय के प्रमुख गुरमुख सिंह ने कहा, “उसे कुत्ते की तरह बाहर फेंक दिया गया। हर दिन शोषण होता है, हम हर दिन इसे झेलते हैं, इसे अब खत्म किया जाना चाहिए।” सतनाम सिंह की मौत की जांच की जा रही है, लेकिन इसने इटली में इस बात पर जोरदार बहस छेड़ दी है कि कृषि क्षेत्र में व्यवस्थागत दुर्व्यवहारों से कैसे निपटा जाए, जहां अवैध श्रमिकों का इस्तेमाल और किसानों या गिरोह के मालिकों द्वारा उनका दुरुपयोग आम बात है।
परमबर सिंह ने कहा कि “सतनाम एक दिन में मर गया, मैं हर दिन मरता हूं। क्योंकि मैं भी एक पीड़ित श्रमिक हूं।” परमबर सिंह की आंख एक कार्य दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। 33 वर्षीय इस व्यक्ति ने कहा, “मेरे बॉस ने कहा कि वह मुझे अस्पताल नहीं ले जा सकते क्योंकि मेरे पास कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं था। मैं न्याय के लिए 10 महीने से इंतजार कर रहा हूं।”
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