लेबनान में इस समय भारी दहशत का माहौल है. पिछले दो दिनों में यहां जमकर तबाही हुई है. पेजर फटने से लेकर शुरू हुआ कोहराम वॉकी-टॉकी, सोलर पैनल, फिंगरप्रिंट डिवाइसों और रेडियो में ब्लास्ट होने तक जारी है. यहां लोगों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को लेकर डर बना हुआ है. आलम ये है कि लोग इसका इस्तेमाल करने से कतराने लगे हैं.
इजरायली सेना और मोसाद को चकमा देने के लिए लेबनान का चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह मोबाइल फोन और इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल नहीं कर रहा था. हिज्बुल्लाह चीफ नसरुल्लाह ने अपने लड़ाकों और समर्थकों को सख्त हिदायत दी थी कि वे बातचीत के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करे. यही वजह थे कि वहां हिज्बुल्लाह समर्थक बातचीत के लिए पेजर्स और वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इन हमलों के बाद स्थिति बदलती नजर आ रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दो दिनों से लेबनान में हो रहे इन धमाकों की वजह से हिज्बुल्लाह समर्थक पेजर्स और वॉकी-टॉकी के इस्तेमाल से कतरा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इन्होंने पेजर्स और वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. घरों से इस तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को हटाया जा रहा है. हिज्बुल्लाह समर्थकों ने अपने परिवार की पहुंच से भी इन्हें दूर कर दिया है. इतना ही नहीं, ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आई है, जिनमें कहा गया है कि घरों और इमारतों पर लगे सोलर पैनल हटा दिए गए हैं. हैंड-हेल्ड रेडियो और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों का भी इस्तेमाल बंद कर दिया गया है.
लेबनान में स्थिति ऐसी बन गई है कि हिज्बुल्लाह के लड़ाके इस्तेमाल किए जाने वाले और इस्तेमाल नहीं किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों की जांच में जुट गए हैं. सिलसिलेवार तरीके से इन डिवाइसों से जुड़े खतरों पर गौर किया जा रहा है.
इस बीच सीआईए के पूर्व अधिकारी रॉबर्ट बेयर ने सीएनएन को बताया कि लेबनान में धड़ाधड़ हो रहे ब्लास्ट से पता चलता है कि इजरायल एक तरह से हिज्बुल्लाह की स्पलाई चेन से छेड़छाड़ कर सकता है और ऐसा करना किसी के लिए भी आसान नहीं है.
क्या है इजरायल और हिज्बुल्लाह की दुश्मनी की वजह?
हिज्बुल्लाह दरअसल इजरायल के साथ बीते 11 महीनों से जंग जैसी स्थिति में है. इजरायल गाजापट्टी में हमास के सहयोगी हिज्बुल्लाह से जंग लड़ रहा है. पिछले साल सात अक्टूबर के हमले के बाद से हिज्बुल्लाह लगातार इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन दाग रहा है, जिस वजह से इजरायल लेबनान को निशाना बना रहा है.
इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट का कहना है कि इजरायल इस युद्ध के नए दौर के मुहाने पर खड़ा है और हमें इसे स्वीकार करना होगा.
कब और कहां हुए थे ब्लास्ट?
लेबनान और सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में मंगलवार को लगभग एक घंटे तक पेजर्स में धमाके होते रहे. लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों विशेष रूप से पूर्वी बेका वैली में मंगलवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे पेजर में सीरियल ब्लास्ट होने शुरू हुए थे. इन इलाकों को हिजबुल्लाह का गढ़ माना जाता है.
वहीं, बुधवार के हमले में लेबनान में वॉकी-टॉकी के अलावा सोलर पैनल और हैंड हेल्ड रेडियो में भी ब्लास्ट हुए. लेबनान के बेरूत समेत कई शहरों में घरों के सोलर सिस्टम में भी धमाके हुए. बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर अचानक हुए इन धमाकों के बाद लोग घबराकर सड़कों पर जमा हो गए. तायरे शहर में सोलर सिस्टम में धमाके से एक परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए.
हिजबुल्लाह के लड़ाके क्यों करते हैं पेजर का इस्तेमाल
पिछले साल सात अक्तूबर को इजरायल पर हमले के बाद से ही हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व ने अपने लड़ाकों को कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल या इंटरनेट के बजाए पेजर के इस्तेमाल करने का आदेश दिया था. इसके पीछे वजह है कि इजरायली सेना और मोसाद लगातार हिजबुल्लाह के लड़ाकों की लोकेशन ट्रैक करती है. पेजर की खासियत यही है कि इसके इस्तेमाल से लोकेशन ट्रैक नहीं की जा सकती.
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