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बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली संगीता फोगाट ने जीता मेडल, कहा- ये पदक संघर्षशील महिलाओं को समर्पित

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली महिला पहलवानों में शामिल संगीता फोगाट ने भारत का नाम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। संगीता ने हंगरी के बुडापेस्ट में पॉलीक इमरे और वर्गा जानोस मेमोरियल रैंकिंग सीरीज कुश्ती चैंपियनशिप में हंगरी की विक्टोरिया बोरसोस को हराकर 59 किग्रा में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

संगीता ने तीसरे-चौथे स्थान के मैच में अपने हंगेरियन प्रतिद्वंद्वी को निर्णय द्वारा जीत (वीपीओ1) में 6-2 से हराया। संगीता ने टेकडाउन मूव के साथ बढ़त बना ली। हालांकि हंगरी की पहलवान ने स्कोर 2-2 से बराबर कर लिया, लेकिन भारतीय पहलवान ने उग्र हमला किया। संगीता ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता बजरंग पुनिया की पत्‍नी और राष्ट्रमंडल खेलों की गोल्ड मेडल विजेता गीता फोगाट की बहन है।

कॉमनवेल्थ में ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं संगीता

फोगाट परिवार की संगीता ने 2013 की जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में पहली बार सिल्वर मेडल जीता था। टीम ने 2017 के नेशनल रेसलिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता, लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2018 में आई। जब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

रोमांचक मुकाबले में जीता मेडल

संयुक्त राज्य अमेरिका की जेनिफर पेज रोजर्स से करारी हार के साथ अपने अभियान की शुरुआत करने के बाद रेपेचेज राउंड के माध्यम से सेमीफाइनल में पहुंची थीं। उन्होंने तीसरे दौर में एक अन्य अमेरिकी पहलवान ब्रेंडा ओलिविया रेयना को तकनीकी श्रेष्ठता (वीएसयू1) से जीत हासिल कर, 12-2 से हराकर वापसी की थी।

संगीता ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया। तेज चाल से 4-2 की बढ़त बना ली और तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मुकाबला जीत लिया। तीसरे राउंड में जीत से संगीता को सेमीफाइनल में जगह तो मिल गई, लेकिन वह फाइनल में आगे नहीं बढ़ सकीं। संगीता अपना सेमीफाइनल मुकाबला पोलैंड की मैग्डेलेना उर्सज़ुला ग्लोडर के खिलाफ 4-6 अंकों से हार गईं, लेकिन तीसरे-चौथे स्थान के मैच में फिर से वापसी करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता।

मेडल संघर्षशील महिलाओं को किया समर्पित

ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद संगीता ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘आप सभी के बधाई के संदेश मुझ तक पहुंच रहे हैं, इस पल पर बहुत भावुक हूं। आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया। यह मेडल सिर्फ मेरा नहीं है, आप सभी का मेडल है। मैं इस मेडल को दुनिया की उन सभी संघर्षशील महिलाओं को समर्पित करती हूं, जो महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों के खिलाफ संघर्षरत हैं। जय हिन्द।

Avinash Roy

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